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संस्था खा रही फंड, भूख से तड़प रहीं गाय

ब्लॉक माछीवाड़ा के गांव बुर्ज प्वात में सरकारी गोशाला प्रशासन की लापरवाही का शिकार हो रही है। गोशाला में करीब 300 से अधिक पशुओं के हालात ऐसे बनी हुए हैं जैसे कि वह काले पानी की सजा काट रहे हों।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 08:33 PM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 08:33 PM (IST)
संस्था खा रही फंड, भूख से तड़प रहीं गाय
संस्था खा रही फंड, भूख से तड़प रहीं गाय

संवाद सहयोगी, श्री माछीवाड़ा साहिब : ब्लॉक माछीवाड़ा के गांव बुर्ज प्वात में सरकारी गोशाला प्रशासन की लापरवाही का शिकार हो रही है। गोशाला में करीब 300 से अधिक पशुओं के हालात ऐसे बनी हुए हैं जैसे कि वह काले पानी की सजा काट रहे हों।

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बुधवार को जब पत्रकारों ने गांव बुर्ज प्वात में गोशाला का दौरा किया गया तो आश्चर्यजनक तत्थ सामने आये। सभी गाय चारे के लिए तरस रही थी और भुख के कारण उनके शरीर कमजोर हो चुके थे। कई गाय तो चलती-चलती ही गिर जा रही है। यहां कुछ गाय बीमार थी, जिनके उपचार के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया गया था।

जानकारी के अनुसार यह गोशाला किसी संस्था के सुपर्द की हुई है। गाय हरे चारे की जगह तूड़ी खाकर अपनी जान बचा रही है। बीमार पशुओं के लिए दवा का भी कोई प्रबंध नहीं। माछीवाड़ा व खन्ना की समाज सेवी संस्थाओं ने गोशाला की हालात के बारे में प्रशासन को इसकी जानकारी दी।

संस्थाओ के नुमाइंदों शशी वर्धन प्रधान गलोवल ह्यूमन राइट पंजाब, हंस राज गुरानी शिव कावड़ सेवा दल पंजाब, महंत कश्मीर गिरी राष्ट्रीय उप प्रधान शिव सेना, ललित शर्मा, समाज सेवी शिव कुमार शिवली, डॉ. शिव कुमार, अभिषेक वर्धन और शिव कुमार खन्ना ने आरोप लगाया कि गोशाला की देखभाल कर रही संस्था को सरकारी की ओर से लाखों रुपये के फंड आते हैं, परंतु वह फंड पूरी तरह गोशाला में नहीं लग रहे। जिस कारण गाय बिना खुराक के तड़प रही हैं। उन्होंने बताया कि गोशाला में कोई रजिस्टर भी नहीं लगाया गया। जिस में गायों का रिकार्ड दर्ज किया गया हो। गोशाला में लगे सीसीटीवी कैमरे भी बंद पड़े हैं जो कि गोशाला में किसी भी गतिवीधी को रिर्काड नहीं कर रहे। समाज सेवीं संस्थाओं के नेताओं ने कहा कि पशुओं की संभाल के लिए फंड को सही ढंग से खर्चा जाए। धूप है पर पीने को पानी नहीं

गोशाला में पीने के लिए पानी का कोई प्रबंध नहीं देखने को मिला। तपती धूप में गाय खुले में खडी होकर खुले में तूड़ी खा रही थी। हरा चारा न देख कर खन्ना से आये संस्थाओं के सदस्यों की ओर से एक ट्राली हरे चारे की मंगवाई और पशुओं को चारा खिलाया। साथ ही बीमार पशुओं के लिए दवा का प्रबंध भी किया गया। गोशाला का काम बढि़या ढंग से चल रहा है। कुछ लोग अपने मतलब के लिए इस मुद्दे को उछाल रहे हैं। हमें सरकार से कोई फंड भी नहीं आता बल्कि हम खुद लोगों से दान मांग कर गोशाला को चला रहे हैं।

विनय लाकरा, गोशाला प्रबंधक गोशाला के हालात का मामला मेरे ध्यान में आ गया है। 23 तारीख के बाद गोशाला में दौरा करेंगे और सभी प्रबंधों को संचारू ढंग से चलवाएंगे। वहां पर डॉक्टरों की डियूटी लगा दी गई है। चारा या कोई ओर खर्च गोशाला में किया जाता है। उसका पैसा संस्था को दे दिया जाता है।

गीतिका सिंह, एसडीएम

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