छह माह बाद 15 दिन में कोरोना से सबसे अधिक 106 की गई जान
पिछले 15 दिन में लुधियाना के अस्पतालों में कोरोना के कारण दम तोड़ने वालों की संख्या 106 हो गई है। पिछले साल जून महीने के बाद 15 दिन में कोरोना के कारण होने वाली मौत का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। जून 2021 में 30 दिन में 89 लोगों की मौत हुई थी। इस बार हो रही मौतों में उन लोगों की संख्या सबसे अधिक है जिनकी उम्र 55 साल से अधिक थी गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे और उन्होंने वैक्सीन की कोई डोज नहीं लगवाई थी।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : पिछले 15 दिन में लुधियाना के अस्पतालों में कोरोना के कारण दम तोड़ने वालों की संख्या 106 हो गई है। पिछले साल जून महीने के बाद 15 दिन में कोरोना के कारण होने वाली मौत का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। जून 2021 में 30 दिन में 89 लोगों की मौत हुई थी। इस बार हो रही मौतों में उन लोगों की संख्या सबसे अधिक है जिनकी उम्र 55 साल से अधिक थी, गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे और उन्होंने वैक्सीन की कोई डोज नहीं लगवाई थी। यही नहीं 20 से 35 साल की उम्र के युवा भी कोरोना की चपेट में आकर मौत के मुंह में जा रहे हैं। कोरोना के कारण लुधियाना के अस्पतालों में पिछले 15 दिन में रोज औसत सात लोग दम तोड़ रहे हैं। मौत का यह आंकड़ा सेहत विभाग के लिए चिंता का सबब बन गया है।
शुक्रवार को नौ लोगों की कोरोना के कारण मौत हो गई। इसमें से सात लोग लुधियाना जिले के रहने वाले थे। हैरानी की बात है कि इनमें से पांच लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। एक मरीज को एक और एक अन्य को दोनों डोज लगी थीं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बतन सिंह नगर के 66 वर्षीय पुरुष, जमालपुर के 53 वर्षीय पुरुष, भामियां रोड के 59 वर्षीय पुरुष, गांव जस्सोवाल के 43 वर्षीय पुरुष की लुधियाना और सलेम टाबरी के 63 वर्षीय पुरुष की पीजीआइ में मौत हुई है। जिले में अब तक 2206 लोगों की जान कोरोना के कारण जा चुकी है।
वहीं, शुक्रवार को लुधियाना में कुल 510 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव पाई गई। इनमें 467 पाजिटिव लुधियाना जिले के रहने वाले हैं। खास बात यह है कि इनमें से भी 408 शहर के रहने वाले हैं।
तारीख मौत
14 जनवरी 9
15 जनवरी 6
16 जनवरी 6
17 जनवरी 2
18 जनवरी 6
19 जनवरी 8
20 जनवरी 7
21 जनवरी 10
22 जनवरी 8
23 जनवरी 8
24 जनवरी 7
25 जनवरी 4
26 जनवरी 7
27 जनवरी 10
28 जनवरी 9 राहत की बात : एक्टिव केस कम होकर 4480 ही बचे
कोरोना के बढ़ने केस व मौत के आंकड़े के बीच राहत की बात यह है कि स्वस्थ होने वालों की संख्या में अब तेजी से बढ़ रही है। बीते 15 दिन में जिले में 13841 नए पाजिटिव केस सामने आए हैं जबकि इस दौरान 13361 लोग कोरोना को मात देकर स्वस्थ भी हुए हैं। जिले में अब एक्टिव केस कम होकर 4480 रह गए हैं। इनमें से 4250 लोग होम आइसोलेशन में हैं। 230 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं।
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चिंता का सबब : कोरोना के साथ डायरिया युवाओं के लिए जानलेवा
शुक्रवार को भी गांव ललोरी के 29 वर्षीय युवक की कोरोना के कारण मौत हो गई। उसे डायरिया की शिकायत थी इसलिए अस्पताल में भर्ती हुआ था। उसे वैक्सीन की केवल एक ही डोज लगी थी। जांच में वह कोरोना पाजिटिव पाया गया। इस समय के बीच डायरिया के कारण उसके शरीर के कई अंग बुरी तरह प्रभावित हो चुके थे। इससे पहले भी कोविड के कारण 20 से 35 साल की उम्र के छह लोगों की मौत हो चुकी है। उन्हें भी डायरिया की शिकायत थी। इनमें दो युवाओं को टीबी और शुगर की शिकायत भी थी और किसी ने भी वैक्सीन नहीं लगवाई थी।
सतर्कता बरतें : पेट दर्द, उल्टी व दस्त होने पर तुरंत जाएं अस्पताल :
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले दस से 15 दिन में 20 से 35 साल की उम्र के जिन लोगों की मौत हुई है, उन्हें अचानक पेट में दर्द के साथ उल्टी व दस्त की शिकायत हुई। युवाओं ने इसे सामान्य डायरिया समझा और घर पर रहे। चार से पांच दिन में उनकी हालत गंभीर हो गई तो अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उसके बाद पता चला कि वह कोरोना पाजिटिव हैं। इतने समय में उनके शरीर के कई अंग खराब हो चुके थे।
कोरोना में डायरिया के लक्षण थोड़े अलग, इनकी अनदेखी न करें
दीपक अस्पताल की मेडिसन विशेषज्ञ डा. मनीत चावला का कहना है कि डायरिया की शिकायत लेकर रोज उनके पास 20 से 35 साल की उम्र के युवा पहुंच रहे हैं। सामान्य डायरिया और कोरोना में डायरिया के लक्षण थोड़े अलग हैं। इसमें पेट की जगह नाभि के आसपास तेज ऐंठन और उल्टी होती है। शरीर बहुत सुस्त पड़ जाता है। जिन युवाओं को वैक्सीन की दोनों डोज लगी हैं उनकी हालत गंभीर नहीं हो रही है लेकिन जिन्हें दोनों डोज नहीं लगी हैं उन्हें भर्ती करने की नौबत आ रही है। डायरिया भी कोरोना का एक बड़ा लक्षण है। इसकी अनदेखी न करें।