कोरोना से जंग जीत मरीजों के मददगार बने एएसआइ बलजीत
कोरोना के खिलाफ जंग में सेहत विभाग के कर्मी और पुलिस मुलाजिम फ्रंटलाइन पर डटे हुए हैं।
जासं, जगराओं : कोरोना के खिलाफ जंग में सेहत विभाग के कर्मी और पुलिस मुलाजिम फ्रंटलाइन पर डटे हुए हैं। वे मरीजों और लोगों के बीच में रहकर सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में यदि वे संक्रमण की चपेट में आ भी रहे हैं तो वे अपने हौसले को टूटने नहीं दे रहे बल्कि मानसिक रूप से खुद को मजबूत रखते हुए इस महामारी को मात देकर दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं।
इनमें मुल्लांपुर दाखा थाना के एएसआइ बलजीत सिंह भी शामिल हैं। कोरोना के योद्धा बलजीत ने बताया कि वह फील्ड में तैनात रहे। लोगों के बीच आना-जाना रहा। एक दिन पुलिस लाइन में सभी कर्मियों का कोरोना टेस्ट हुआ था। छह जुलाई को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उनको सिविल अस्पताल जगराओं में भर्ती किया गया। फिर 24 जुलाई को होम क्वारंटाइन किया गया।
बलजीत ने बताया कि जब रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो डर जरूर लगा। 18 दिन घर के कमरे में रहे। खाली समय में टीवी देखकर और मोबाइल फोन के जरिए समय बिताया। उन्होंने कहा कि परिवार से अलग रहना मुश्किल तो था लेकिन जंग जीतना भी जरूरी था। इसी सकारात्मक सोच के साथ कोरोना को मात दी। क्वारंटाइन पीरियड के दौरान रोजाना सिविल सर्जन ऑफिस, डीसी दफ्तर, चंडीगढ़ हेल्थ ऑफिस व दिल्ली नेशनल हेल्थ ऑफिस से हालचाल पूछा जाता था।
एएसआइ बलजीत ने आगे बताया कि वह चाहते थे कि मरीजों के मददगार बनें। दो अगस्त को सिविल अस्पताल से प्लाज्मा डोनेट करने के लिए उन्हें फोन आया तो यह इच्छा भी पूरी हो गई। फिर जांच हुई तो उनके शरीर में एंटी कोरोना बॉडीज सेल पाए गए। 18 अगस्त को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में उन्होंने कोरोना मरीज के लिए प्लाज्मा डोनेट किया। लोगों को संदेश, कोरोना से डरें नहीं, टेस्ट जरूर करवाएं
बलजीत सिंह ने कहा कि कोरोना से जंग जीतने में उनकी माता महिदर कौर और पत्नी बलजीत कौर व दोनों बच्चों ने पूरा सहयोग दिया। उन्होंने लोगों को संदेश देते हुए कहा कि वे तरह-तरह की अफवाहों में न आएं और लक्षण दिखें तो कोरोना टेस्ट से डरे नहीं। समय पर जांच करवा इसका इलाज जरूर करवाएं। उन्होने लोगों को एहतियात बरतने की अपील की।