Corona ने बदला किसानों के जीवन का अंदाज, संकट में परिवार का सहारा
कोरोना वायरस संक्रमण काल में किसानों केे जीवन को भी बदल दिया है। उन्हें इस काल में श्रमिकों की कमी के कारण परिवार का सहारा मिल रहा है।
जगराओं [बिंदु उप्पल]। Coronavirus COVID_19 की महामारी ने जीने का अंदाज बदल दिया है। राज्य में एक माह से अधिक समय से कर्फ्यू लगा है। इस समय गेहूं की कटाई का सीजन भी चल रहा है। मजदूर घर चले गए हैं तो फसल की कटाई का पूरा दारोमदार किसानों पर ही आ गया है। संकट की इसी घड़ी में पूरा परिवार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो गया। परिवार के सदस्य गेहूं की कटाई से लेकर उसकी सफाई में पूरा सहयोग कर रहे हैं। जगराओं के गालिब खुर्द के हर किसान के घर पर ऐसा ही नजारा है। गांव में 30 किसान परिवार हैं।
मेरी चिंता देख पूरा परिवार काम में जुटा : मनदीप
किसान मनदीप सिंह बताते हैं कि कोरोना के कारण पहले ही जिंदगी थम गई है। अब गेहूं की फसल पकने पर उसे मंडी पहुंचाने की चिंता ने सताया। मजदूर नहीं मिलने के कारण मैं और दुखी था। मेरी चिंता देख मेरे साथ मां बलवीर कौर और पत्नी भी फसल की कटाई में जुटीं और रखरखाव के लिए भी काम किया। सुबह उठते हैं तो पहले खेतों में जल्दी काम पूरा करने की कोशिश करते हैं। फिर घर पर रखी थ्रेशर मशीनों से फसल को खुद साफ कर रहे हैं, ताकि अपनी फसल को मंडियों तक जल्दी ले जा सकें। जब तक फसल नहीं बिक जाती चिंता सताती रहेगी।
बेटे और दोस्त कटाई में मदद कर रहे : जसप्रीत
जसप्रीत सिंह जस्सी ने बताया कि मैं 40 वर्षों से गांव गालिब खुर्द में रहता हूं। कोरोना के कारण कफ्र्यू लगा है। मजदूर नहीं मिल रहे हैं। जिंदगी में पहले कभी ऐसा देखने को नहीं मिला। पहले गेहूं का सीजन शुरू होता था तो मजदूर खेतों में अपना काम संभाल लेते थे। केवल सुबह-शाम खेतों में जाना पड़ता था, लेकिन कोरोना ने रोजाना खुद खेतों में जाने पर मजबूर कर दिया है। फसल की कटाई के लिए दोनों बेटे सुखराज प्रीत सिंह व युवराज सिंह के अलावा दोस्तों की मदद ले रहा हूं।
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