लुधियाना में कोरोना मरीजाें के लिए बनाया कंट्रोल रुम, क्वारंटाइन हाेना है ताे इस नंबर पर करें कॉल
जिले में काेराेना के मरीजाें की संख्या लगातार बढ़ने से प्रशासन हरकत में अा गया है। इसके लिए एडीसी विकास संदीप कुमार की देखरेख में कंट्राेल रुम स्थापित किया गया है।
लुधियाना, जेएनएन। कोरोना संबंधी किसी भी तरह की जानकारी के लिए जिला प्रशासन ने 24 घंटे चलने वाले कंट्रोल रुम की स्थापना की। डीसी वरिंदर शर्मा ने बताया कि एडीसी विकास संदीप कुमार की देखरेख में कंट्रोल रुम से किसी भी तरह की जानकारी कोई भी व्यक्ति ले सकता है। अगर व्यक्ति ने घर पर ही क्वांरटाइन होना है तो 78147-64759 पर संपर्क किया जा सकता है।
एंबुलेंस की समस्या के लिए 78143-63850 जानकारी मिल जाएगी। प्राइवेट अस्पतालों संबंधित पूछताछ के लिए 62849-12553 व अन्य समस्या के लिए 62845-31852 पर संपर्क किया जा सकता है। एडीसी विकास संदीप कुमार ने बताया कि एप भी जल्द लांच कर दिया जाएगा।
पीपीई किट पहन आइसोलेशन सेंटर में गए एसडीएम, मरीजों से की बात
उधर बुधवार दोपहर को एसडीएम बलजिंदर सिंह ढिल्लों ने सिविल अस्पताल के आइसोलेशन सेंटर का दौरा किया। वह पीपीई किट पहनकर एसएमओ व दूसरे डॉक्टरों के साथ आइसोलेशन वार्ड में भी गए अाैर मरीजों के साथ बातचीत की। सिविल अस्पताल में भी लेवल टू के बेड में कमी आने की वजह से एसडीएम गए थे। वहां एसएमओ को बेड बढ़ाने के लिए कहा। इसके अलावा अस्पताल में आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी ली।
संक्रमित महिला के पति ने समय पर खाना न मिलने का आरोप लगाया
सिविल अस्पताल के कोविड आइसोलेशन सेंटर में भर्ती कोरोना संक्रमित महिला के पति ने पत्नी के इलाज में लापरवाही व समय पर खाना नहीं मिलने का आरोप लगाया। पति ने जानकारी दी कि वह टिब्बा रोड के रहने वाले हैं। 9 जुलाई को उनकी पत्नी की डिलीवरी हुई। पत्नी को कमजोरी रहने लगी। जांच करवाई तो टीबी निकली। फिर सुभाष नगर स्थित कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर में कोरोना टेस्ट करवाया तो पत्नी पॉजिटिव आई।
28 जुलाई को उसे सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। महिला के पति ने आरोप लगाया कि जब से उनकी पत्नी को भर्ती करवाया गया है, उसे न तो समय पर खाना मिल रहा है और न ही दवाई। महिला के पति ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी पत्नी बेहद बीमार है। बेड पर ही शौच कर देती है। इसके बाद सफाई करने के लिए उन्हें बुलाया जाता है। स्टाफ उसके पास नहीं जाता है। उधर इस संबंध में जब एसएमओ का पक्ष लेने के लिए कई बार कॉल की गई। लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।