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कांग्रेस ने पहली बार ढाया अकालियों का किला 'गोह'

सचिन आनंद, खन्ना खन्ना की राजनीति के इतिहास में गांव गोह शुरू से ही शिरोमणि अकाली दल का अभेद किला

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 08:05 AM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 08:05 AM (IST)
कांग्रेस ने पहली बार ढाया अकालियों का किला 'गोह'
कांग्रेस ने पहली बार ढाया अकालियों का किला 'गोह'

सचिन आनंद, खन्ना

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खन्ना की राजनीति के इतिहास में गांव गोह शुरू से ही शिरोमणि अकाली दल का अभेद किला रहा है। कई सरकारें आई और गई। अकाली दल ने कांग्रेस की कई लहरें भी देखी, लेकिन आज तक कभी गोह के अकाली किले में कोई सेंध लगाने में सफल नहीं हुआ। पर इस बार के जिला परिषद और ब्लॉक समिति के चुनाव में अकालियों का यह किला आखिर ढह ही गया।

बुरे दौर में भी अकाली दल का साथ नहीं छोड़ने वाले गोह के मतदाताओं ने इस बार जिला परिषद और ब्लॉक समिति दोनों चुनावों में करीब 30-30 वोटों की बढ़त कांग्रेस को दी। अमूमन हर छोटे-बड़े चुनाव में अकाली दल को 200 से 300 वोट की बढ़त इस गांव से मिलती रही है। पर बेअदबी मामले में आरोपों से घिरे इस पंथक गांव ने इस बार अकाली दल को आईना दिखाने का काम किया है। कांग्रेस और अकाली दल दोनों ने इसी गांव से ब्लॉक समिति का उम्मीदवार उतारा था। कांग्रेस के उम्मीदवार स¨तदर ¨सह बरन ने अकाली दल के गढ़ में आखिर जीत हासिल कर इतिहास रच ही दिया। अपने ही कई दिग्गजों के गांवों में भी हार गए अकाली

अकाली दल कई और दिग्गजों के गांवों को भी हार गया। जिला यूथ अकाली दल के प्रधान याद¨वदर ¨सह यादू के गांव बुल्लेपुर से कांग्रेस ने 138 वोट की बढ़त ली तो लगातार दो बार ब्लॉक समिति के चेयरमैन रहे जीत ¨सह अलौड़ के गांव अलौड़ से कांग्रेस की हैरत में डालने वाली 168 वोटों की बढ़त थी। एसजीपीसी सदस्य द¨वदर ¨सह खटड़ा और एसजीपीसी के पूर्व सचिव दिलमेघ ¨सह खटड़ा के गांव खटड़ा में अकाली दल की बढ़त मात्र 25 वोट की रही, जबकि खटड़ा जोन पर जीत कांग्रेस को मिली।

काम कर गई डॉ. गुरमुख ¨सह चाहल की रणनीति

फोटो - 15

पंजाब यूथ कांग्रेस के महासचिव और विधायक गुरकीरत ¨सह कोटली के ओएसडी डॉ. गुरमुख ¨सह चाहल की रणनीति इन सीटों पर काम कर गई। डॉ. चाहल मलकपुर (इसमें गोह आता है), खटड़ा, मानकमाजरा और ललहेड़ी जोनों के इंचार्ज थे और चारों जोन कांग्रेस ने जीते। डॉ. चाहल ने बताया कि कांग्रेस का वोट बैंक स्थिर था। उन्होंने अकाली वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए अकाली गांवों बुल्लेपुर और गोह से अपने उम्मीदवार खड़े किए। इसका फायदा यह मिला कि अकाली वोट उम्मीदवारों के साथ पार्टी की तरफ झुका और जीत मिली। डॉ. चाहल के गांव रतनहेड़ी से ही कांग्रेस को 70 फीसद वोट मिले।


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