एसपीवी बनाने के सरकारी दबाव से चैंबर खफा
सीआइसीयू ने सूबे में औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने को लेकर सरकारी रूख की आलोचना की है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : चैंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल अंडरटेकिग्स (सीआइसीयू) ने सूबे में औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने को लेकर सरकारी रुख की आलोचना की है। चैंबर के प्रधान उपकार सिंह आहूजा एवं महासचिव पंकज शर्मा ने कहा कि सरकार इंडस्ट्री को स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) बनाने के लिए दबाव बना रही है, जबकि यह न्यायसंगत नहीं है। क्योंकि औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है। अब सरकार इससे पीछे हट रही है। आहूजा ने कहा कि उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा और पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कॉर्पोरेशन के चेयरमैन गुरप्रीत सिंह गोगी से कई दौर की बातचीत हो चुकी है, बावजूद इसके कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिह ने फोकल प्वाइंट्स के कायाकल्प के लिए 32 करोड़ रुपये की ग्रांट देने का एलान किया था, लेकिन इसमें से एक पैसा भी खर्च नहीं किया गया है। दिन ब दिन औद्योगिक क्षेत्रों की हालत खस्ता हो रही है। सड़कें टूट गई हैं, सीवरेज जाम है और स्ट्रीट लाइट तक का इंतजाम नहीं है। साफ है कि सरकार उद्योगों का भरोसा खो रही है। सरकार बुनियादी ढांचा मुहैया कराने की बजाए उद्यमियों को एसपीवी बनाने का दबाव बना रहे हैं। पंकज शर्मा ने कहा कि फोकल प्वाइंट काटते वक्त पीएसआइईसी ने बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर देने का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब अपना वादा पूरा नहीं कर रही है। आर्थिक सुस्ती में उद्योगों को राहत देने की बजाए उन पर बोझ बढ़ाया जा रहा है। फोकल प्वाइंट फेज चार के उद्यमियों एससी रल्हन एवं रजनीश आहूजा ने एसपीवी बना कर इलाके की सड़कों को नए सिरे से बनवाने का काम शुरू किया, लेकिन इस काम में उनको सात साल से अधिक का वक्त लग गया और सरकार के साथ उनका तजुर्बा भी बेहतर नहीं रहा। अभी तक केवल दस फीसद भी काम नहीं हो पाया है। फेज आठ एसोसिएशन के प्रधान ओपी बस्सी ने कहा कि एसपीवी के जरिए बुनियादी ढांचा मजबूत करना विकल्प नहीं है। बैठक में केके गर्ग, विनीत गुप्ता, अनिल गुप्ता, अनिल सचदेवा समेत कई उद्यमी मौजूद रहे।