पंजाब : सीबीएसई ने की साइंस चैलेंज की शुरुआत, विद्यार्थी समस्याएं निपटाने के साथ बनेंगे निर्णय लेने वाले
सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजूकेशन(सीबीएसई) ने साइंस चैलेंज 2021-22 की शुरूआत की है जोकि कक्षा आठवीं से दसवीं तक के विद्यार्थियों के लिए होगा। साइंस का संबंध किसी न किसी तरह से जीवन और विश्व को बेहतर बनाने से है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजूकेशन(सीबीएसई) ने साइंस चैलेंज 2021-22 की शुरूआत की है जोकि कक्षा आठवीं से दसवीं तक के विद्यार्थियों के लिए होगा। साइंस का संबंध किसी न किसी तरह से जीवन और विश्व को बेहतर बनाने से है। वैज्ञानिकली और टेक्नालाजीकली डिवेल्पमेंट के मायने से साइंस हमारे जीने के ढंग को भी बेहतर बनाती है। सीबीएसई साइंस चैलेंज 17 जनवरी से शुरू हो चुका है और 28 फरवरी तक यह जारी रहेगा। सीबीएसई के दीक्षा प्लेटफार्म पर यह चैलेंज उपलब्ध है। चैलेंज में विद्यार्थियों को प्रतिदिन के जीवन से संबंधित समस्याओं, उनका हल कैसे किया जा सकता है और निर्णय कैसे लिए जा सकते हैं, की सीख मिल सकेगी।
सीबीएसई के अलावा अन्य बोर्ड के विद्यार्थी भी ले सकेंगे हिस्सा
सीबीएसई का साइंस चैलेंज सीबीएसई से एफिलिएटिड बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए तो है ही, साथ में अन्य बोर्ड के विद्यार्थी भी इसमें हिस्सा ले सकेंगे। दीक्षा प्लेटफार्म पर उपलब्ध इस चैलेंज को सीबीएसई से एफिलिएटिड स्कूलों को विद्यार्थियों का नाम रजिस्टर्ड करवाना होगा। इसके बाद बोर्ड विद्यार्थियों को रजिस्ट्रेशन आई भेजेंगे जिससे वह साइंस चैलेंज के लिए ज्वाइन कर सकते हैं।
नहीं होगी कोई प्रतिभागी फीस
बच्चों से इसके लिए कोई फीस नहीं ली जाएगी और स्कूल्स डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडाटसीबीएसईडाटजीओवीडाटइन पर क्लिक कर विद्यार्थियों के नाम रजिस्टर करवा सकते हैं। वहीं स्कूल हर कक्षा से पांच बच्चों को नामिनेट करेंगे जोकि आगे सेकेंड स्टेज तक पहुंच सकेंगे।
इस बार आठवीं से दसवीं के विद्यार्थियों के लिए इसे शुरू किया गया
गुरू नानक इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल माडल टाउन की प्रिंसिपल गुरमंत कौर गिल ने कहा कि सीबीएसई साइंस चैलेंज इस बार कोई नया नहीं है। कक्षा अनुसार हर साल इसे शुरू किया जाता है। इस बार कक्षा आठवीं से दसवीं तक के विद्यार्थियों के लिए इसे शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि साइंस चैलेंज बच्चों के सोचने के प्रोसेस को बढ़ा सकेगा और वह किसी भी निर्णय लेने के योग्य बन सकेंगे।