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Union Budget 2022: व्यापार के साथ कच्चे मटीरियल के दामों में सरलीकरण चाहते हैं लुधियाना के उद्यमी

Budget 2022 पंजाब की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले लुधियाना में मशीन टूल हैंड टूल होजरी व शाल उद्योग इसकी रीड़ की हड्डी है। यहां न केवल देशभर की मांग को पूरा किया जाता है बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी सेगमेंट में तेजी से ग्रोथ हो रही है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 09:29 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 09:29 AM (IST)
Union Budget 2022: व्यापार के साथ कच्चे मटीरियल के दामों में सरलीकरण चाहते हैं लुधियाना के उद्यमी
औद्योगिक नगरी लुधियाना को आगामी बजट में कई राहतें मिलने की उम्मीद। (सांकेतिक तस्वीर)

मुनीश शर्मा, लुधियाना। Union Budget 2022: पोर्ट से दूरी के बावजूद ग्लोबल मार्केट में अपने उत्पादों के जरिये देश का नाम रोशन करने वाले औद्योगिक नगरी लुधियाना को आगामी बजट में कई राहतें मिलने की उम्मीद है। इंडस्ट्री को कच्चे माल के दामों में नियंत्रण के साथ-साथ एक्सपोर्ट के लिए बेहतर इंसेंटिव दिए जाने की उम्मीदे हैं और इस साल के बजट में ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ पंजाब के लिए फ्रेट सब्सिडी जैसी सुविधाओं की आस है। बात पंजाब की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले लुधियाना की करें, तो यहां मशीन टूल, हैंड टूल, होजरी व शाल उद्योग इसकी रीढ़ की हड्डी है। यहां न केवल देशभर की मांग को पूरा किया जाता है, बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी इन सेगमेंट में तेजी से ग्रोथ हो रही है। ऐसे में अगर केन्द्रीय बजट में स्टील, कच्चे माल के दामों को नियंत्रित किया जाए और जीएसटी की दरों पर विचार किया जाए।

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स्टील के दामों की उठापठक ग्रोथ में बाधा

बात लुधियाना में मशीन टूल इंडस्ट्री की करें, तो देश में मशीन टूल निर्माण में इसकी भूमिका अहम है। चीन से आयात होने वाली कई मशीनों को पंजाब की धरती पर ही इनोवेट किया गया है। चार हजार यूनिट वाली इस इंडस्ट्री का 1500 करोड़ रुपये के करीब टर्नओवर है। इसकी बढ़ोतरी के लिए स्टील के दामों में होती उठापठक को कंट्रोल करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही जीएसटी की दरों को भी कम होने की इंडस्ट्री को उम्मीद है।

कंटेनरों की उपलब्धता का बजट में हो प्रावधान

बात हैंडटूल इंडस्ट्री की करें, तो इस समय 400 के करीब यूनिट पंजाब में दो हजार करोड़ रुपये का कारोबार कर रहे हैं। इस सेक्टर के लिए रा मैटीरियल के दामों में होने वाली उठापठक के साथ साथ सबसे अहम मुद्दा लाजिस्टिक का है। पोर्ट से दूरी के चलते कच्चा माल लाने से लेकर मूवमेंट तक समय अधिक लगता है। इस सेक्टर की मांग है कि एक्सपोर्ट की ग्रोथ के लिए लाजिस्टिक को फास्ट किया जाए।

जीएसटी को पांच प्रतिशत कर सेक्टर को दें बूस्ट

पंजाब की गारमेंट्स इंडस्ट्री का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। लुधियाना की बात करें, तो इस समय यहां 15 हजार यूनिट्स के माध्यम से 15 हजार करोड़ रुपये का कारोबार सलाना हो रहा है। इसमें गारमेंट्स इंडस्ट्री एक्सपोर्ट में भी तेजी से ग्रोथ कर रही है। इस सेक्टर की मांग जीएसटी दरों को कम करने की है। इंडस्ट्री गारमेंट्स पर पांच प्रतिशत जीएसटी की मांग कर रही है ताकि इससे इंडस्ट्री को राहत मिले।

सिंगल विंडो से ही बढ़ेगी शाल की एक्सपोर्ट

पंजाब में शाल व इससे संबंधित पांच हजार के करीब यूनिट्स छह हजार करोड़ का कारोबार सालाना कर रहे हैं। इस सेक्टर को सबसे ज्यादा उम्मीदें एक्सपोर्ट से है। इसके लिए सरकार को चाहिए कि इस सेक्टर को इंसेटिव स्कीमें दी जाए। इसके साथ ही टैक्सटेशन प्रणाली को सरल किया जाए और कस्टम क्लीयरेंस के लिए सिंगल ¨वडो का कांसेप्ट दिया जाए। पंजाब में बनी शाल विश्व भर में प्रसिद्ध है।

क्या है एक्सपर्ट की राय

मशीन टूल एवं एलायड इंडस्ट्री के प्रधान किरपाल सिंह सागर ने कहा कि बजट में रा मैटीरियल के दामों को नियंत्रित करने के अलावा पालिसी निर्माण के लिए दौरान इंटरनेशनल मार्केट को ध्यान में रखा जाए। वहीं लुधियाना हैंडटूल एसोसिएशन के प्रधान एससी रलहन के मुताबिक हैंडटूल में ग्रोथ को लेकर आपार संभावनाएं हैं। केवल इसमें सरकार को लाजिस्टिक का इश्यू साल्व करना चाहिए। कंटेनरों की शार्टेज को दूर किया जाए। इसके अलावा टवियर एवं टैक्सटाइल क्लब के प्रधान विनोद थापर के मुताबिक सरकार को गारमेंट्स इंडस्ट्री पर जीएसटी दर को पांच प्रतिशत कर देना चाहिए। एक्सपोर्ट पर ड्यूटी ड्रा बैक नौ प्रतिशत किया जाए। वहीं शाल क्लब के सचिव चरणजीव सिंह ने कहा कि इस सेक्टर में ग्रोथ की आपार संभावनाएं हैं। इसके लिए सिंगल विंडो कस्टम क्लीयरेंस कांसैप्ट देने के साथ साथ इंसेटिव स्कीम जरूरी है। जीएसटी में राहत दी जाए।


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