मानवता शर्मसार: भाभी को नापसंद थी 14 वर्षीय बच्ची, अस्पताल में छोड़ भागा भाई; तीन दिन मांगकर खाया खाना
शहर में मानवता काे शर्मसार करने का मामला सामने आया है। रक्षाबंधन पर भाई उम्र भर बहन की रक्षा करने का वचन देता है लेकिन लुधियाना में एक भाई सिविल अस्पताल में 14 वर्षीय बहन को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़कर भाग गया।
लुधियाना, [विनोद पुरोहित]। रक्षाबंधन पर भाई उम्र भर बहन की रक्षा करने का वचन देता है लेकिन लुधियाना में एक भाई सिविल अस्पताल में 14 वर्षीय बहन को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़कर भाग गया। तीन दिन तक बच्ची लोगों से मांगकर खाना खाकर गुजारा करती और कुर्सियों पर सो कर रात गुजारती रही। जब इसकी सूचना सिविल अस्पताल स्थित पुलिस चौकी के मुलाजिमों मिली तो वह बच्ची की मदद के लिए आगे आए।
बच्ची ने अपना तान्या बताया। वह उत्तर प्रदेश के जिला लखनऊ के थाना गुरवा के तहत आने वाले गांव टेडी पुलिया की रहने वाली है। कुछ समय पहले उसके माता-पिता की मौत हो चुकी है। भाई दीपक उसे मासी के घर छोड़कर लुधियाना काम करने आ गया था। कुछ दिन पहले वह गांव आया और उसे अपने साथ लुधियाना ले आया। आठ जुलाई को जालंधर बाईपास स्थित एक कालोनी में ले गया। उसे यहां आकर पता लगा कि भाई ने शादी की हुई है। भाभी उसे पसंद नहीं करती है। चार दिन पहले मकान मालिक ने उसके भाई को कमरा खाली करने के लिए कहा।
इसके बाद भाई उसे शनिवार शाम यह कहकर घर से ले आया कि वह गांव जाकर रहेंगे। वह उसे सिविल अस्पताल में छोड़कर पत्नी के साथ निकल गया। जब वह रात तक नहीं लौटा तो वह समझ गई कि भाई उससे पीछा छुड़ाना चाहता है। तीन दिन से वह लोगों से मांगकर खाना खाती रही और वहीं पर सोती रही। जब उसे लोग पूछते कि वह अकेली है तो वह कहती कि वह परिवार के साथ अस्पताल में आई है। इसलिए किसी को उस पर शक नहीं हुआ। पुलिस ने अब बच्ची को पक्खोवाल रोड स्थित बालाजी आश्रम में छोड़ दिया है।
बालाजी आश्रम में भेजा
सिविल अस्पताल की पुलिस चौकी के इंचार्ज राजिंदर सिंह का कहना है कि बच्ची के माता-पिता नहीं है। इसलिए उसे बालाजी आश्रम भेजा जा रहा है। जो जानकारी उसने दी है उसके आधार पर रिश्तेदारों का पता लगाया जा रहा है।