पड़ोसी ही निकला अनमोल का कातिल, रंजिश के चलते नहर में दे दिया था धक्का Ludhiana News
अनमोल का शव गांव अखाड़ा से डल्ला नहर पुल से बरामद हो गया। बलबीर ने रंजिश के चलते से नहर में फेंका था।
जेएनएन, जगराओं। गांव मलक से संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हुए पंचायत मेंबर के 14 वर्षीय किशोर अनमोल का शव बुधवार को दोपहर तीन बजे के करीब गांव अखाड़ा के डल्ला नहर पुल से बरामद हो गया। गांव के ही युवक बलबीर सिंह उर्फ गैरी ने पारिवारिक रंजिश के चलते उसे अखाड़ा नहर में धक्का दे दिया था। थाना सदर पुलिस ने बलबीर सिंह उर्फ गैरी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने पहले ही दिन से गांव बलबीर सिंह उर्फ गैरी नामक युवक पर फोकस किया हुआ था। क्योंकि गैरी ही रविवार को अनमोल को उसके घर के नजदीक धर्मशाला से खेलते हुए अपने साथ मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले गया था। उसने वापस अनमोल को गांव में एक मोबाइल फोन की दुकान पर बैठा दिया था।
कुछ समय बाद उसने दुकान मालिक से फोन करके अनमोल के संबंध में पूछा था और बात की थी। उसके बाद अनमोल दुकान से बाहर आ गया था और बाहर से उसे कार में बैठाकर ले गया था। उसी ने ही अनमोल के दोस्त के मोबाइल फोन पर सॉफ्टवेयर से मैसेज करके अनमोल की रिहाई के बदले 20 लाख रुपये की मांग की थी। साथ ही चेतावनी भी दी थी कि अगर इस संबंध में शोर मचाया या पुलिस को सूचित किया तो अनमोल को मार दिया जाएगा। यह मैसेज जब अनमोल के घर पहुंचा तो हड़कंप मच गया। उस समय गैरी गांव में नहीं था।
लोग उसके घर पर फोन करके पूछने लगे और गैरी को भी फोन आने लगे कि तुम अनमोल को अपने साथ लेकर गए थे वह कहां है। जब गैरी घर पर मौजूद नहीं था उसके घर वालों पर दबाव पड़ा और घर से गैरी को फोन गया कि तुम जहां भी हो फौरन घर वापस लौट आओ, लोग शक कर रहे हैं। इस फोन के बाद ही गैरी ने अनमोल को अखाड़ा नहर में फेंक दिया और खुद वापस गांव आ गया।
शिक्षित है आरोपित
अनमोल का कत्ल करने के आरोप में नामजद गैरी पुत्र शेर सिंह ने बीकॉम की हुई है। वह मध्यमवर्गी किसान परिवार से है। अनमोल का कत्ल करने की कोई वजह पुरानी आपसी परिवारिक रंजिश बताई जा रही है। एक मामले में बलवीर के परिवार के खिलाफ अनमोल के पिता और चाचा ने दूसरे पक्ष की सहायता की थी, जिसे बलवीर सिंह उर्फ गैरी अपने मन में रखे हुए था। दिखावे के तौर पर उन्होंने अनमोल के परिवार के साथ अच्छे संबंध बना रखे थे, जिसके चलते बलवीर सिंह अक्सर अनमोल के घर आता जाता था। इसलिए जब रविवार रात को पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था और अगले दिन भी नहीं छोड़ा था तो गांव के लोग पुलिस की कारगुजारी पर शंका कर रहे थे कि पुलिस ने ऐसे ही बलवीर सिंह को बैठा रखा है।