खूनदान कैंप में नहीं पहुंची ब्लड कलेक्शन बस, भड़के मंत्री ने लगाई फटकार
रक्तदान शिविर में बुलाने पर भी सेहत विभाग बस नहीं लेकर गया तो फूड सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु ने सिविल सर्जन की फोन पर खूब क्लास ली।
[दिलबाग दानिश, लुधियाना] केंद्र सरकार की ओर से दी गई डेढ़ करोड़ कीमत की ब्लड कलेक्शन बस सिविल अस्पताल में कबाड़ हो रही है। जब कैंप में बुलाने पर भी सेहत विभाग बस नहीं लेकर गया तो फूड सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु ने सिविल सर्जन की फोन पर खूब क्लास ली और सिविल अस्पताल की टीम को बिना ब्लड दिए ही वापिस लौटा दिया। मंत्री ने सिविल सर्जन को दो टूक कहा है कि अगर उक्त बस जल्द नहीं चलाई गई तो वह सीधे सेहत मंत्री से इस संबंधी बात करेंगे जिसके बाद सेहत विभाग के अधिकारियों के हाथ पांव फूले हुए हैं। जानकारी के अनुसार सतगुरु कबीर सेवा संघ की ओर से हनुमान जंझ घर मिड्डा चौक में रक्तदान कैंप लगाया गया था जिसमें मंत्री भारत भूषण आशु, सांसद रवनीत बिट्टू और मेयर बलकार सिंह संधू पहुंचे थे। रक्तदान कैंप के प्रबंधकों ने सेहत विभाग को उक्त बस भेजने के लिए पहले ही कह दिया था। मगर जब कैंप में बस नहीं पहुंची तो प्रबंधक इस बात से भड़क गए। क्योंकि बस में ही रक्त को सही ढंग से स्टोर किया जा सकता था। मामला मंत्री आशु के समक्ष पहुंचा तो उन्होंने तुरंत सीएस को फोन कर इस संबंधी बात की।
एसीएस और एसएमओ पहुंचे बस के पास, स्टार्ट ही नहीं हुई
बता दें कि मंत्री की फटकार के बाद एसीएस महिंदर सिंह, एसएमओ गीता कटारिया और कुछ अन्य अधिकारी बस के पास पहुंचे और इसे स्टार्ट करने का प्रयास किया मगर बस स्टार्ट ही नहीं हो रही थी। बाद में एसएमओ खुद रक्तदान कैंप में पहुंचीं और इस बारे में आयोजकों को बताया।
नहीं दिया सिविल अस्पताल में रक्त
कैंप के दौरान आयोजकों की ओर से रघुनाथ अस्पताल, डीएमसी और दीप अस्पताल को 101 यूनिट रक्तदान किया गया मगर सिविल अस्पताल को रक्त देने से साफ मना कर दिया गया। जिस कारण टीम को वापिस लौटना पड़ा।
ड्राइवर का इस्तीफा, कबाड़ हो रही बस
डेढ़ करोड़ कीमत की यह बस केंद्र सरकार की पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी अमृतसर को दी गई थी। मगर वहां से इसे लुधियाना भेज दिया गया। बस में बेहद बढि़या तकनीक की फ्रिज लगे हुए हैं जिसमें घंटों ब्लड रखकर बैंक तक लाया जा सकता है। बस पर अमृतसर का ड्राइवर तैनात था, जो दस दिन पहले ही इस्तीफा दे गया है। रक्तदान सोसायटी के सदस्य ने बताया कि पहले तो इसमें तेल डलवाने की ही समस्या रहती थी। जिस कारण इसका इस्तेमाल कम होता है।
सेहत विभाग की नालायकी के कारण हुई फजीहत
प्रबंधक बलजिंदर सिंह का कहना सेहत विभाग ढाई करोड़ रुपये कीमत की यह बस बर्बाद कर रहा है। मंत्री जी ने खुद बस को यहां लाने के लिए कहा था मगर विभाग ने अनदेखी की है। इसी कारण ही उन्हें ब्लड तक नहीं दिया गया है। मंत्री जी ने सिविल सर्जन को इस संबंधी चेतावनी भी दी है कि अगर बस नहीं चली तो वह सेहत मंत्री से इस संबंधी बात करेंगे। बलजिंदर सिंह, प्रबंधक।
जल्द शुरू हो जाएगी बस
सिविल सर्जन डॉक्टर परमिंदर सिद्वू का कहना है कि हां,समस्या आई है, हमने बस पर ड्राइवर के लिए आउटसोर्स कंपनी से बात की है। इसे चलाने के लिए ट्रेंड ड्राइवर की जरूरत है। इसका इंतजाम किया जा रहा है।