धरना तीन जगह, फिर एफआइआर दो दर्ज करके ऐसा भेदभाव क्यों?
भाजपा नेताओं को जहरीली शराब से हुई मौतों के विरोध में काग्रेस विधायकों के घर के समक्ष धरना देना था।
राजेश शर्मा, लुधियाना: भाजपा नेताओं को जहरीली शराब से हुई मौतों के विरोध में काग्रेस विधायकों के घर के समक्ष धरना देना था। ये विधायक थे कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु, सुरिंदर डावर, संजय तलवाड़ और राकेश पाडे। हालाकि संजय तलवाड़ को कोरोना होने के बाद उनके घर के बाहर धरने की योजना स्थगित कर दी गई। भाजपाइयों ने आशु के घर के बाहर धरना दिया तो वहा मंत्री और मेयर ने उन्हें खुद पानी पिलाया। हालाकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर डिजास्टर एक्ट के तहत पर्चा दर्ज कर लिया। सुरिंदर डावर के घर के सामने धरने पर बैठे लोगों के साथ भी ऐसा ही हुआ। धरना राकेश पाडे के घर के सामने भी लगा, लेकिन वहा बैठे नेताओं पर कोई पर्चा दर्ज नहीं किया गया। अब इस मामले की सियासी गलियारों में खूब चर्चा है। बातें ये भी हो रही हैं कि इसकी वजह काग्रेस विधायकों की आपसी गुटबंदी भी हो सकती है।
पब्लिक डीलिंग बंद, चालान जोरों पर
कोरोना वायरस के प्रकोप का तर्क देते हुए पुलिस ने सीपी दफ्तर सहित कई थानों में पब्लिक डीलिंग ही बंद कर दी। कहीं काम हो भी रहा है तो इस संबंधी में कई तरह की सख्त हिदायतें दी गई हैं। ऐसे में कई काम लटक जाने के कारण लोग परेशान हैं कि अब सुनवाई कैसे होगी। दूसरी तरफ, इस संकट काल में पुलिस ने सड़कों पर नाके लगाकर वाहन चालकों के चालान काटने की मुहिम तेज कर दी है। इसे ही देखते हुए हिंदू-सिख जाग्र्रति सेना के अध्यक्ष प्रवीण डंग ने चालान काट रहे एक मुलाजिम को ये तक कह दिया, 'आप लोग दिन भर में सैकड़ों चालान काटते हो। इतने लोगों के संपर्क में आने से अगर कोरोना का खतरा नहीं है तो थाने में पब्लिक डीलिंग के समय खतरा क्यों महसूस होता है।' आगे से जवाब मिला, 'की करिये जनाब हुण अधिकारिया दा हुकम ता पूरा करना ए।'
जिलाध्यक्ष हैं या यूथ विंग प्रधान
भाजपा जिला अध्यक्ष के पद पर जब से पुष्पेंद्र सिंगल की नियुक्ति हुई है, तब से भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य कुछ खासे ही सक्रिय हो गए हैं। कहीं धरना प्रदर्शन करना हो या कोई भी मीटिंग हो, हर जगह युवा मोर्च के पदाधिकारियों की प्रमुख भूमिका देखने को मिल रही है। इसके उलट, पहले हर आयोजन में सक्रिय रहने वाले पुराने जिला अध्यक्ष सहित कई पदाधिकारी आजकल कहीं दिख ही नहीं रहे। इनमें से अधिकतर नेताओं ने तो अपनी गतिविधिया भी बिल्कुल सीमित कर ली हैं। अनुशासन का पालन करने वाली पार्टी के तौर पर जानी जाती भाजपा के पदाधिकारी वैसे तो खुलकर कुछ नहीं बोलते, लेकिन पार्टी गतिविधियों में उनकी निष्क्रियता काफी कुछ बया कर देती है। युवा मोर्चा का ऐसा जोर देखकर कुछ कार्यकर्ता तो ये भी चर्चा करने लगे हैं कि जिलाध्यक्ष की जगह कहीं युवा मोर्चा का नया प्रधान तो नहीं चुना गया है।
ये नरम नहीं, गरम भाषा समझेंगे
पिछले दिनों लोक इंसाफ पार्टी के वर्करों ने सिविल अस्पताल में वेंटिलेटर न होने पर रोष जताते हुए भारत नगर चौक में भीख मागी। इकट्ठा हुई राशि देने वे सासद रवनीत बिट्टू के घर पहुंचे तो वहा यूथ काग्रेसियों ने लिप प्रवक्ता सन्नी कैंथ व साथियों की पिटाई कर दी। इसके बाद लिप वर्कर विधायक बलविंदर बैंस को लेकर शिकायत देने सीपी दफ्तर पहुंचे, लेकिन पुलिस पर कोई असर नहीं हुआ। मामूली धाराओं के साथ दोनों पक्षों पर क्रॉस पर्चा दर्ज हुआ। तबीयत खराब होने के चलते इस मामले में न तो सिमरजीत बैंस सामने आए और न ही उनकी प्रतिक्रिया। खैर, तीन दिन बीते और सिमरजीत ने फेसबुक लाइव होकर सीधे सीपी को ही चेतावनी दे दी कि लिप वर्करों के बयान मुताबिक पर्चा नहीं हुआ तो आदोलन छेड़ देंगे। इसके बाद से यही चर्चा थी कि पुलिस बलविंदर की नरम नहीं, सिमरजीत की गरम भाषा ही समझती है।