सिख चेहरों को भाजपा में शामिल करने की जुगत, सुखबीर बादल का करीबी जल्द थामेगा फूल
गठबंधन टूटने के बाद पंजाब के सभी राजनीतिक दलों में नेताओं को अपने पाले में खींचने की कवायद शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का गठबंधन टूटने के बाद पंजाब के सभी राजनीतिक दलों में नेताओं को अपने पाले में खींचने की कवायद शुरू हो गई है। कुछ नेता अपना राजनीतिक भविष्य तलाशने के लिए अन्य दलों में शामिल होने की जुगत लगा रहे हैं, वहीं कुछ दल चर्चित चेहरों को अपनी पार्टी में लाने का प्रयास कर रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसी सप्ताह शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल के बेहद करीबी व्यक्ति को भाजपा अपने दल में शामिल करने वाली है। भाजपा नेताओं का कहना है कि वैसे तो पार्टी में सिख चेहरे पहले से ही हैं, लेकिन अब प्रतिष्ठित सिखों को दल में शामिल किया जा रहा है, ताकि भाजपा प्रदेश में अपनी स्थिति मजबूत कर सके। उनकी पंजाब के कुछ सिख नेताओं के साथ बातचीत चल रही है और इसी सप्ताह के अंत में सुखबीर का करीबी पार्टी में शामिल होगा। उन्हें पार्टी में शामिल करवाने के लिए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी मौजूद रहेगा। उधर, जानकारों का कहना है कि भाजपा में शामिल होने वाले सिख चेहरे की काफी साफ छवि है और उसे शामिल कर पार्टी को अपना आधार बनाने में मदद मिलेगी। खासबात यह है कि भाजपा में शामिल होने वाले सिखों को पार्टी वह सम्मान देगी जो दिल्ली, जम्मू-कश्मीर व अन्य सिख बहुल शहरों में अब तक मिलता आया है। पहले भी मिल चुका है शिअद को झटका
यह पहला अवसर नहीं है, जब शिअद को झटका मिलेगा। इससे पहले सुखदेव सिंह ढींडसा की पार्टी शिअद डेमोक्रेटिक ने प्रकाश सिंह बादल के करीबी दो परिवारों को अपने पाले में शामिल किया है। इनमें पूर्व विधायक रंजीत सिंह तलवंडी और वरिष्ठ अकाली जगदीश सिंह गरचा शामिल हैं। अब भाजपा भी शिअद नेताओं पर लगातार नजर रख रही है।