...जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किया ई-रिक्शा से सफर, पढ़ें लुधियाना की और राेचक खबरें
बलिदानी सुखदेव के निवास के लिए मार्ग चौड़ा करने की मांग कर रहे उनके वंशजों की बात उस समय सटीक बैठी जब अध्यक्ष महोदय की एसी कार वहां तक नहीं जा सकी। फिर क्या था भाजपा के नेताओं ने अध्यक्ष महोदय को ई-रिक्शा में बैठाया।
भूपिंदर सिंह भाटिया, लुधियाना। अकसर हेलीकाप्टर और विमान में सफर करने वाले नेताओं को कभी-कभी रिक्शे का भी सफर करना पड़ जाता है। कुछ ऐसा ही नजारा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे में दिखा। वह हेलीकाप्टर से लुधियाना में लैंड हुए और फिर पुलिस के काफिले के बीच बलिदानी सुखदेव थापर के निवास पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे। हालांकि, लंबे समय से बलिदानी सुखदेव के निवास के लिए मार्ग चौड़ा करने की मांग कर रहे उनके वंशजों की बात उस समय सटीक बैठी, जब अध्यक्ष महोदय की एसी कार वहां तक नहीं जा सकी। फिर क्या था, भाजपा के नेताओं ने अध्यक्ष महोदय को ई-रिक्शा में बैठाया।
एसी पंडाल में खर्च किए गए थे 35 लाख रुपये
शायद अध्यक्ष बनने के बाद पहला मौका होगा, जब नड्डा साहब को ई-रिक्शा में सफर करना पड़ा। ऐसे आयोजनों पर अक्सर अध्यक्ष की कार पर उनके समर्थकों द्वारा फूलों की बारिश की जाती है। यहां भी हुई और ई-रिक्शा की छत फूलों से भर गई। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यक्रम को लेकर पार्टी ने विशाल एयर कंडीशनर पंडाल बनाया था। इसमें 10 हजार कार्यकर्ताओं के बैठने की व्यवस्था थी। हालांकि, सूर्य देवता भी पूरे उफान पर थे। बाहर 45-46 डिग्री तापमान था। आयोजनस्थल पर पहुंचते-पहुंचते कार्यकर्ताओं के पसीने छूट गए। आयोजकों में भी घबराहट देखने को मिली कि कहीं कार्यकर्ता गर्मी के कारण वापस न चले जाएं। नड्डा साहब के पहुंचने से पहले प्रदेश भाजपा प्रधान वहां की व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे थे। उन्होंने पंडाल में एसी लगाने वाले कांट्रैक्टर को बुलाकर कहा कि पंडाल के अंदर कार्यकर्ताओं को गर्मी न लगे। इस पर कांट्रेक्टर ने तपाक से कहा 430 टन के एसी लगाए गए हैं, गर्मी नहीं होगी। आखिर राष्ट्रीय अध्यक्ष के एक घंटे के कार्यक्रम के लिए 35 लाख रुपये एसी पंडाल में खर्च किए गए थे। बहरहाल, नड्डा साहब का क्रेज था, कार्यकर्ता वहां से हिले नहीं।
नड्डा ने नेता जी काे पीछे किया
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार जेपी नड्डा लुधियाना दौरे पर आए। इस दौरान वह बलिदानी सुखदेव के निवास पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे। सुखदेव थापर के निवास के आस-पास काफी कम जगह होने के कारण वहां चुनिंदा लोगों को ही जाने की इजाजत दी गई थी ताकि वहा अव्यवस्था न फैल सके। हालांकि, इसके बावजूद एक ऐसा एपिसोड हो गया, जिससे वहां स्थानीय नेताओं की किरकिरी हो गई। हुआ यूं कि एक नेताजी नड्डा के करीब जाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे थे। नड्डा जब सुखदेव थापर को पुष्प अर्पित करने लगे तो नेता जी भी उनके साथ आगे आ गए। इस दौरान प्रेस फोटोग्राफर नेता जी को आवाज देकर पीछे हटने को कहने लगे। जब वे नहीं हटे तो स्वयं नड्डा ने उन्हें हाथ से पकड़ पीछे किया और फोटोग्राफर उनकी श्रद्धांजलि को कैमरों में कैद कर पाए। नेता जी इसके बाद आगे नहीं आए।
भाजपा में भी धरातल की ओर जा रहा अनुशासन
भाजपा का हमेशा से दावा रहा है कि वह सबसे अनुशासित पार्टी है और उनके कार्यकर्ता अनुशासन को लेकर हमेशा गंभीर रहे हैं। हालांकि समय के साथ अन्य राजनीतिक दलों की तरह भाजपा में भी अनुशासन धरातल की ओर जा रहा है। अपने शीर्ष नेता के एक आदेश के लिए कार्यकर्ता मर मिटने को तैयार होते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के सम्मेलन में मीडिया के लिए अलग ब्लाक बनाया गया था, लेकिन वहां की कुर्सियों पर भाजपाइयों का कब्जा था और मीडिया वाले इधर-उधर व्यवस्था देख रहे थे। एक रिपोर्टर ने भाजपा के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी को इस बाबत कहा तो वह भी तैश में आए। उन्होंने अगली पंक्ति में ही बैठे कार्यकर्ताओं को सीट खाली करने को कहा, लेकिन नेताजी की किसी ने नहीं सुनी। मीडिया वाले ने किसी तरह साथी की कुर्सी में खुद को एडजस्ट किया और नेता जी को भी जगह दी।