दो महीने से बेटे व बेटी से नहीं मिली, कोरोना मरीजों संग जन्मदिन मनाया
कोरोना महामारी के खिलाफ फ्रंट लाइन में लड़ रहे वॉरियर्स के जज्बे को पूरा देश सलाम कर रहा है क्योंकि यह जान को जोखिम में डालकर दिन रात सेवा दे रहे हैं।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : कोरोना महामारी के खिलाफ फ्रंट लाइन में लड़ रहे वॉरियर्स के जज्बे को पूरा देश सलाम कर रहा है, क्योंकि यह जान को जोखिम में डालकर दिन रात सेवा दे रहे हैं। ऐसी ही एक कोरोना वॉरियर्स जिले के चंडीगढ़ रोड स्थित मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में भी है। स्टाफ नर्स व आइसोलेशन वार्ड की इंचार्ज 35 वर्षीय रूबीना दो महीने से दस महीने के बेटे और दो साल की बेटी से दूर रहकर कोरोना पीड़ितों की सेवा में जुटी है। रविवार को रूबीना का जन्मदिन था। सीएमओ डॉ. राजेश बग्गा ने जहां उन्हें फोन करके बधाई दी, वहीं एसएमओ डॉ. अमिता जैन ने टीम की सबसे अहम सदस्य का जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया। उन्होंने केक मंगवाया और रूबीना को सरप्राइज दिया। सीएमओ के फोन व एसएमओ से मिले इस प्यार से रूबीना की आंखे नम थी। क्योंकि इस विशेष अवसर पर पहली बार रूबीना के परिवार से एक भी सदस्य साथ नहीं था। रूबीना जालंधर की रहने वाली है। उनके बेटे और बेटी को पति, मासी व भाई संभालते हैं। केक काटने के बाद रूबीना ने स्टाफ सदस्यों व कोरोना पीड़ित मरीजों के साथ जन्मदिन की खुशियां बांटी।
रूबीना ने बताया कि पहले जालंधर से रोजाना अप डाउन करती थी, लेकिन कोरोना के कारण बहुत बड़ी जिम्मेदारी आ गई। सिविल के बाद मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में सबसे अधिक कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों को भर्ती किया। आइसोलेशन वार्ड की इंचार्ज होने के नाते परिवार से बात करके अस्पताल में ही रूकने का निर्णय लिया। ढाई महीने से घर नहीं गई। बच्चों व परिवार के साथ वीडियो कॉल पर बात होती है। हालांकि कई बार जब मरीज अधिक आ जाते हैं, तो दो-दो दिन परिवार से बात नहीं हो पाती। बेटा व बेटी बहुत छोटे हैं और उनकी याद बहुत आती है, लेकिन बच्चों से अधिक जरूरत अभी अस्पताल को है। कई बार बच्चों के लिए मन उदास भी हो जाता है, तो एसएमओ डॉ. अमिता उन्हें प्रोत्साहित करती है।