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बड़ी लापरवाही: पुनर्वास फंड की सूची में मृतक शामिल, जीवितों के नाम गायब Ludhiana News

सूची में करीब आधा दर्जन ऐसे लोगों के नाम शामिल हैं जिनकी मौत हो चुकी है। कई ऐसे नाम सूची से गायब हैं जिनकी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है।

By Sat PaulEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 12:14 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 09:42 AM (IST)
बड़ी लापरवाही: पुनर्वास फंड की सूची में मृतक शामिल, जीवितों के नाम गायब Ludhiana News
बड़ी लापरवाही: पुनर्वास फंड की सूची में मृतक शामिल, जीवितों के नाम गायब Ludhiana News

लुधियाना, [राजेश भट्ट]। हलवारा में एयरपोर्ट टर्मिनल बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया एक-एक स्टेप करके आगे बढ़ रही है। प्रक्रिया जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे उसमें कई पेंचीदगियां सामने आ रही हैं। पंजाब सरकार उन सभी किसानों को पुनर्वास फंड दे रही है, जिनकी जमीन एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित की जा रही है।

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डिवीजनल कमिश्नर पटियाला ने बाकायदा पुनर्वास फंड के लिए एक सूची भी जारी करवा दी है। सूची जारी होते ही अफसरों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। सूची में करीब आधा दर्जन ऐसे लोगों के नाम शामिल हैं, जिनकी मौत हो चुकी है। कई ऐसे नाम सूची से गायब हैं, जिनकी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। इस लापरवाही के कारण लोगों ने विरोध जताना शुरू कर दिया। सूची में गड़बड़ी के करीब 20 मामले अब तक सामने आ चुके हैं।

इन गड़बडिय़ों को लेकर भूमि मालिक अब भूमि अधिग्रहण अफसर से मिलेंगे। दिसंबर माह में लोगों को ग्लाडा की तरफ से पुनर्वास भत्ते के पैसे बांट दिए जाएंगे। भूमि अधिग्रहण से पहले करवाए गए सोशल सर्वे में सरकार ने भूमि मालिकों को पुनर्वास व विस्थापन के रूप में नौकरी, पेंशन या फंड चुनने का विकल्प दिया, जिसमें से ज्यादातर ने फंड की मांग सरकार के सामने रखी थी। सर्वे रिपोर्ट के बाद पुनर्वास व विस्थापन अधिकारी कम डिवीजनल कमिश्नर पटियाला ने ग्रेटर लुधियाना एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (ग्लाडा) को पत्र लिखकर कहा है कि सूची में जिन लोगों के नाम हैं उन्हें पुनर्वास फंड दिया जाए।

सूची में 60 लोगों के नाम शामिल किए गए हैं। इन सभी लोगों को 5.50 लाख रुपये पुनर्वास भत्ता देने के आदेश दिए गए हैं। ग्लाडा के भूमि अधिग्रहण अधिकारी ने सूची भूमि मालिकों को भेज दी, जिसके बाद भूमि मालिकों ने एतराज करना शुरू कर दिया। सूची में आधा दर्जन ऐसे लोगों के नाम हैं जिनकी मौत हो चुकी है जबकि इतने ही ऐसे लोग हैं, जिनकी जमीन का अधिग्रहण हो रहा है और उनका नाम सूची में नहीं है।

यह है गड़बड़ी

सरपंच लखबीर सिंह ने बताया कि बाहर सिंह, बचन सिंह, करनैल सिंह, दलीप सिंह व साधू सिंह की मौत हो चुकी है। इनकी मौत के बाद रेवेन्यू रिकार्ड में विरासत नहीं दर्ज की गई, जिस वजह से सरकार ने पुनर्वास फंड की सूची में उनके नाम लिख दिए। इसके अलावा प्रीतम कौर, रछपाल सिंह, हरनेक सिंह व जगतार सिंह की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है और उनके नाम सूची में नहीं हैं। उनका कहना है कि इन सभी ऐतराजों को पहले भी प्रशासन के सामने रखा जा चुका है। जिन लोगों की मौत हो गई है उनका पैसा कैसे उनके वारिसों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर प्रशासन की लापरवाही है। सरपंच ने साफ कर दिया कि प्रशासन ने अगर ऐसे ही भूमि मालिकों को परेशान किया तो वह एयरपोर्ट के लिए अपनी जमीन नहीं देंगे।

प्रशासन ने रेवेन्यू रिकार्ड में सुधार किए बगैर जारी कर दी सूची

भूमि मालिकों से ग्लाडा ने एतराज मांगे थे, जिसमें लोगों ने कहा था कि रेवेन्यू रिकार्ड में नाम सही नहीं है। उसे तुरंत ठीक करवाया जाए, लेकिन प्रशासन ने अभी तक रेवेन्यू रिकार्ड में सुधार नहीं किया, जिस वजह से पुनर्वास फंड की सूची में लोगों के गलत नाम आ गए। 20 भूमि मालिक सरपंच के पास अपने ऐतराज जमा करवा चुके हैं और इसको लेकर वह अब जल्द ही अफसरों से मुलाकात कर अपने ऐतराज दर्ज करवाएंगे।

क्यों मिलता है पुनर्वास फंड

सरकार जब किसी भी प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण करती है तो उससे कई लोगों के घर उजड़ जाते हैं या फिर उनके रोजी रोटी के साधन खत्म हो जाते हैं। ऐसे में पहले फेज में उन्हें सरकार की तरफ से पुनर्वास भत्ता दिया जाता है। यह भत्ता जमीन व अन्य निर्माण कार्यों के भत्तों से अलग होता है।

दिसंबर माह के अंत तक होगा भूमि अधिग्रहण

पंजाब सरकार की तरफ से भूमि अधिग्रहण के लिए 31 दिसंबर तक का समय तय किया गया है। दिसंबर के शुरुआत में पुनर्वास फंड बांटने के बाद जमीन अधिग्रहण शुरू कर दी जाएगी और आखिर तक जमीन मालिकों को मुआवजा राशि देनी शुरू की जाएगी। जनवरी माह में एयरपोर्ट टर्मिनल के निर्माण के लिए टेंडर जारी किए जा सकते हैं, ताकि 2022 तक निर्माण कार्य पूरा किया जा सके।

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है, जिन लोगों को पुनर्वास फंड दिया जाना है उनकी सूची जारी की गई है। एसडीएम रायकोट की तरफ से सर्वे के बाद जो सूची आई है उसे जारी किया गया है। इसकी प्रति भूमि मालिकों को भी भेजा गया है। भूमि मालिकों के ऐतराज अभी तक हमारे पास नहीं आए हैं।

-भूपिंदर सिंह, एडीशनल चीफ एडमिनिस्ट्रेटर, ग्लाडा। 

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