आखिरकार 40 लाख में डिप्टी कमिश्नर दफ्तर में बनी Multistory Parking की बोली चढ़ी सिरे
डिप्टी कमिश्नर दफ्तर में बनी मल्टीस्टोरी पार्किंग की बोली आखिरकार सिरे चढ़ गई। सरकार की तरफ से इसका रिजर्व प्राइस 40 लाख रुपये रखा था।
लुधियाना, जेएनएन। डिप्टी कमिश्नर दफ्तर में बनी मल्टीस्टोरी पार्किंग की बोली आखिरकार सिरे चढ़ गई। सरकार की तरफ से इसका रिजर्व प्राइस 40 लाख रुपये रखा था। बोली में छह कंपनियों ने हिस्सा लिया जिसमें से सिर्फ एक कंपनी ने साढ़े तीन हजार बढ़ाकर बोली दी। इसके बाद उस कंपनी को यह पार्किंग अलॉट कर दी गई। इससे पहले तीन बार बोली रद करनी पड़ी थी।
पहले ठेकेदारों की आपत्ति के बाद रद कर दी गई थी बाेली
इससे पहले मिनी सचिवालय मल्टीस्टोरी पार्किंग के नए कांट्रेक्ट के लिए सोमवार को जिला प्रशासन द्वारा रखी बोली ठेकेदारों की आपत्ति के बाद रद कर दी गई थी। बोली करवाने पहुंचे असिस्टेंट कमिश्नर विनोद कुमार बांसल से पांचों ठेकेदारों ने पूछ लिया कि अगर भविष्य में सरकार लॉकडाउन करती है तो क्या उन दिनों की रकम ठेके में से लेस होगी।
पांचों ठेकेदारों द्वारा बोली में भाग नहीं लेने के चलते आगामी आदेश तक यह प्रक्रिया रद कर दी गई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि पहले से दो महीने देरी से चल रही बोली प्रक्रिया में अगर कोई ठेकेदार भाग नहीं लेता, तो क्या जिला प्रशासन जिला मुख्यालय की पार्किंग व्यवस्था को लावारिस ही रखेगा। गाैरतलब है कि 31 मार्च को ठेका समाप्त हो गया था।
लावारिस पार्किंग के कारण लग रहा जाम, हो रहे झगड़े
कायदे से 31 मार्च को खत्म हुए मल्टीस्टोरी पार्किंग कांट्रेक्ट को एक अप्रैल से पहले रिन्यू हो जाना चाहिए था। लॉकडाउन के चलते प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई, तो पुराना ठेकेदार चला गया व नई बोली हुई नहीं। ऐसे में मिनी सचिवालय पार्किंग में आने वाले लोग मर्जी से यहां वहां वाहन खड़े करने लगे। इसके चलते अकसर जाम की स्थिति बनी रहती है और आए दिन यह झगड़े की वजह भी बनते हैं।