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Punjab Ward Attendant Exam: एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट ही अभ्यार्थी को Google से करवा रहा था नकल, चीफ आब्जर्वर ने दबोचा

मानसा के गांव तामकाेट के एक स्कूल में ड्यूटी पर तैनात एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट एक अभ्यार्थी को परीक्षा करवाते पकड़ा गया है। वह गूगल के माध्यम से प्रश्नों के उत्तर ढूंढकर हल करवा रहा था। उसे यह हरकत करते हुए चीफ आब्जर्वर ने दबोचा।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 14 Nov 2021 05:34 PM (IST)Updated: Sun, 14 Nov 2021 05:34 PM (IST)
Punjab Ward Attendant Exam: एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट ही अभ्यार्थी को Google से करवा रहा था नकल, चीफ आब्जर्वर ने दबोचा
मानसा के गांव तामकाेट में अधिकारी नकल करवाते पकड़ा गया है। सांकेतिक फोटो

जासं, बठिंडा। बाबा फरीदकोट यूनिवर्सिटी की ओर से वार्ड अटेंडेंट की भर्ती के लिए आयोजित की गई परीक्षा में मानसा के गांव तामकाेट के एक स्कूल में ड्यूटी पर तैनात एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट एक अभ्यार्थी को परीक्षा करवाते पकड़ा गया है। वह गूगल के माध्यम से प्रश्नों के उत्तर ढूंढकर हल करवा रहा था। उसे यह हरकत करते हुए चीफ आब्जर्वर ने दबोचा। अब उसके खिलाफ अब विभागीय कार्रवाई के लिए लिख दिया गया है।

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मानसा के एसडीएम हरजिंदर सिंह जस्सल के अनुसार गांव तामकोट के रेडिसन स्कूल में वार्ड अटेंडेंट की परीक्षा करवाई जा रही थी। यहां पर एक्साइज विभाग में तैनात ईटीओ अनीश शर्मा को बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किया गया था। जब परीक्षा चल रही थी तो वह एक अभ्यार्थी के प्रश्नों के उत्तर गूगल से ढूंढ रहा था। उसने अभ्यार्थी के पेपर को भी हाथ भी लगाया। इसका पता चलने पर परीक्षा के समय तैनात चीफ आब्जर्वर ईश्वर तायल ने कार्रवाई के लिए लिखकर दे दिया है। इसकी अब जांच की जाएगी। वहीं, स्कूल की सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जाएगा, जिसके आधार पर कार्रवाई होगी। पूरे मामले की रिपोर्ट डीसी मानसा को सब्मिट की जाएगी। फिलहाल, मामले की जांच की जा रही है। लेकिन इस घटना के बाद अनीश शर्मा को परीक्षा केंद्र के बाहर बिठा दिया गया था।

टैक्स के विरोध में स्कूल बस चालकों का प्रदर्शन

संसू, भीखी। स्कूल बस चालकों ने यहां रिलायंस पंप के नजदीक अपनी बसों को सड़क के किनारे रोककर पंजाब सरकार के खिलाफ टैक्स के विरोध में रोष प्रदर्शन किया। बस चालक गुरदीप सिंह अलीशेर ने कहा कि कोरोना काल में बस चालकों को बदहाली देखनी पड़ी है। कोरोना की मार के कारण स्कूल बंद रहे, जिसके कारण उनका रोजगार जाता रहा। उनके लिए घर का गुजारा चलाना मुश्किल हो गया था। डीजल का दाम बहुत ज्यादा भाव बढ़ने से मां-बाप और बस चालक दोनों ही इतना खर्चा भरने से असमर्थ हैं। उनकी पंजाब सरकार से अपील है कि स्कूल बसों पर लगाया गया टैक्स माफ किया जाए। 


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