पहले सरकर का पुतला फूंका, फिर भूख हड़ताल खत्म की
सिविल अस्पताल में पिछले एक महीने से भूख हड़ताल पर बैठी जिले की आशा वर्करों ने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : सिविल अस्पताल में पिछले एक महीने से भूख हड़ताल पर बैठी जिले की आशा वर्करों ने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है। आशा वर्करों का कहना है कि सरकार ने उनकी दो मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। इसमें एक मांग कोरोना भत्ता दिए जाने और दूसरी हरियाणा पैटर्न की तरह ही आशा वर्करों को अन्य भत्ते देने की मांग शामिल है। सरकार के आश्वासन पर उन्होंने अपनी भूख हड़ताल को फिलहाल के लिए खत्म कर दिया है, लेकिन अगर उनकी मांगों को जल्द से अमल में नहीं लाया गया, तो वह फिर संघर्ष करेंगी। आशा वर्करों ने 17 अगस्त से सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। हालांकि आशा वर्करों ने अपनी भूख हड़ताल खत्म करने से पहले पंजाब सरकार का पुतला भी फूंका और नारे भी लगाएं।
मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को दिया ज्ञापन
जगराओं : कोरोना वायरस के मद्देनजर पंजाब सरकार ने कई कारोबारों को अभी तक बंद कर रखा है, नतीजतन कारोबार मंदी की कागार पर पहुंच गए हैं। बुधवार को जगराओं टेंट डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने अपने बंद पड़े कारोबारों को चलाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के नाम मांगपत्र तहसीलदार लक्ष्य कुमार को सौंपा। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि आज पंजाब की आर्थिक हालात बहुत बदतर हो रही है। इसका एक मुख्य कारण विवाह-शादियों के समारोहों का न होना है। आज हर कारोबार एक-दूसरे के साथ जुड़ा हुआ है, विवाह शादियों के कारोबार से टेंट हाउस, कैटरिग, मैरिज पैलेस, प्रिटिग प्रेस, डीजे, फलावर डेकोरेशन, फोटोग्राफी आदि भी इससे जुड़े हुए हैं। प्रशासन की ओर से केवल 50 व्यक्तियों के समारोह की मंजूरी दी गई है जोकि बिल्कुल ना-काफी है। उन्होंने कहा कि कम से कम 250 से 300 व्यक्तियों के इकट्ठ के समारोह की मंजूरी दी जाए।