आत्मा तत्व परमात्मा में विद्यमान, उसे पहचानने की जरूरत : अरुण मुनि
एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में आगमज्ञाता गुरुदेव अरुण मुनि ठाणा-6 सुखसाता विराजमान हैं।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में आगमज्ञाता गुरुदेव अरुण मुनि ठाणा-6 सुखसाता विराजमान हैं। गुरुदेव अरुण मुनि ने कहा कि जैसे सूर्य के ऊपर बादल छा जाने से उसका प्रकाश मंद पड़ जाता है या ढक जाता है। इसी प्रकार आत्मा के ऊपर कर्मो के बादल आच्छादित होने से आत्मा मूढ़ या विवेक विचार शून्य हो जाता है। जिसके परिणाम स्वरूप मनुष्यों को कई प्रकार के दुख सहन करने पड़ते हैं। जैसे तेज हवा चलने पर बादल उड़ जाते हैं या बिखर जाते हैं, उसी प्रकार सुंदर और शुद्ध भावों माध्यम से आत्मा में लगे कर्म रूपी बादल छट जाते हैं और आत्मा पुन: शुद्ध और पवित्र बन जाती है।
उन्होंने कहा कि जैसे बीज में वृक्ष रूप अस्तित्व में विद्यमान है। आत्मा में भी परमात्मा तत्व विद्यमान है। जरूरी ह उसे जानने व पहचानने की। महापुरुषों की वाणी खुद जानने को जानने की शिक्षा देती है। जो खुद को जानता है, वह एक दिन खुदा बन जाता है। विश्व शांति के संदेश को घर-घर तक पहुंचाएं : सतीशा शर्मा जागरण संवाददाता, लुधियाना : आर्य कॉलेज गर्ल्स सेक्शन की तरफ से विश्व शांति दिवस के उपलक्ष्य में वेबिनार का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता आर्य कॉलेज प्रबंधकीय समिति की सचिव सतीशा शर्मा ने कहा कि हर साल पूरे विश्व में विश्व शांति दिवस मनाया जाता है। संपूर्ण विश्व में शांति की स्थापना ही इस दिन को मनाने का लक्ष्य है। विश्व शांति की वैदिक भावना को हमें जन-जन तक पहुंचाना लक्ष्य रखना चाहिए।
प्रिसिपल डॉ. सविता उप्पल ने कहा कि आज इंसान लगातार शांति से दूर होता जा रहा है। इसलिए इस दिन को मनाने की प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है। वेबिनार की संयोजिका गर्ल्स सेक्शन की इंचार्ज प्रो. सूक्ष्म आहलूवालिया ने कहा कि इस कार्यक्रम का यही लक्ष्य है कि शांति का संदेश विश्व के कोने-कोने में पहुंचाने में हम अपनी भूमिका निभाएं। संस्कृत विभाग के डॉ. आशीष कुमार ने अपने विचार व्यक्त किए। छात्राओं ने विश्व शांति पर अपनी कविताएं भी प्रस्तुत कीं।