1965 Indo Pak War: 1965 की लड़ाई में मेजर भूपिंदर ने दुश्मनाें के टैंक कर दिए थे धवस्त, सेना ने बलिदान को किया याद
1965 Indo Pak War 1965 में भारत और पाक की लड़ाई में मेजर भूपिंदर सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने बताया कि मेजर भूपिंदर सिंह ने दुश्मनों के टैंकों को ध्वस्त कर दिया था। आखिर में दुश्मनों ने उनके टैंक पर हमला किया जिस पर आग लग गई।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। 1965 Indo Pak War: 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई लड़ाई में अदम्य साहस दिखाने वाले वाले 4 हार्स रेजीमेंट के मेजर भूपिंदर सिंह को रेजीमेंट की तरफ से रविवार को पुष्प अर्पित करके सलामी दी गई। 4 हार्स रेजीमेंट के एजुडैंट कैप्टन सिद्धार्थ सिंह की अगुवाई में सैनिकों की एक टुकड़ी ने रोजगार्ड के बाहर लगी मेजर भूपिंदर सिंह की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए और उनके बलिदान को याद किया। सैनिकों ने मेजर भूपिंदर के स्मारक को पहले साफ किया और उसके बाद शानदार फूलों से सजाया। लड़ाई में भारतीय शूरवीराें ने अदम्य साहस का परिचय दिया था।
एजुडैंट कैप्टन सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि 1965 में भारत और पाक की लड़ाई में मेजर भूपिंदर सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने बताया कि मेजर भूपिंदर सिंह ने दुश्मनों के टैंकों को ध्वस्त कर दिया था। आखिर में दुश्मनों ने उनके टैंक पर हमला किया जिस पर आग लग गई। मेजर भी उस आग की चपेट में आए। वह उस समय फिलोरा में युद्ध कर रहे थे। बुरी तरह झुलसे मेजर भूपिंदर सिंह को दिल्ली स्थित मिलिटरी अस्पताल में दाखिल किया गया। जहां वह वीरगति को प्राप्त हुए। उनके अदम्य साहस के लिए उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।
मेजर भूपिंदर सिंह का बलिदान रेजीमेंट के लिए प्रेरणास्रोत
मेजर भूपिंदर सिंह का बलिदान रेजीमेंट से लेकर समस्त देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि सैनिकों के बलिदान से ही देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। गौरतलब है कि महावीर चक्र विजेता मेजर भूपिंदर सिंह का स्मारक पहले गवर्नमेंट कालेज के बाहर था जिसे अब रोजगार्डन के बाहर शिफ्ट किया गया है।