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पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं पर नजर, एप से मिलेगी आग की सूचना, किराये पर मिलेंगी मशीनें

धान की फसल कटने वाली है। ऐसे में किसान पराली जलाना शुरू कर देते हैं। पराली न जले इसके लिए पंजाब ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए PPCB और PRSC ने एक खास एंड्रॉयड आधारित मोबाइल एप तैयार किया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 10:35 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 10:38 AM (IST)
पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं पर नजर, एप से मिलेगी आग की सूचना, किराये पर मिलेंगी मशीनें
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) की ओर से विकसित पराली से चलने वाला गैस गीजर। -फाइल फोटो

पटियाला/लुधियाना [दीपक मौदगिल/राजीव शर्मा]। अगले माह के अंत तक धान की कटाई शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही पराली जलाने की घटनाएं भी सामने आने लगेंगी। इसके देखते हुए पंजाब सरकार ने अभी से तैयारी कर ली है। पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (PPCB) ने पटियाला स्थित हेड ऑफिस में राज्यस्तरीय शिकायत केंद्र स्थापित कर दिया है। इसके साथ ही पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई के लिए PPCB और पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (PRSC) ने एक खास एंड्रॉयड आधारित मोबाइल एप तैयार किया है। पराली जलाने की घटनाओं पर सेटेलाइट से नजर रखी जाएगी।

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इसके बाद अधिकारी मौके पर जाकर एक्शन टेकन रिपोर्ट तैयार करेंगे। इस नए एप को एक अक्टूबर से शुरू करने की तैयारी है। संबंधित कर्मचारी को पराली जलाने की घटना के स्थान पर दो दिन के भीतर दौरा करना होगा। नियमों का उल्लंघन करने वाले किसान के खिलाफ मामला दर्ज कर जुर्माना किया जाएगा। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी करुणेष गर्ग ने बताया कि इस एप के जरिए अब डिप्टी कमिश्नर, पटवारी, एसडीएम, जिला पुलिस, नोडल अधिकारी, PPCB स्टाफ सहित जिला प्रशासन, यहां तक कि चीफ सेक्रेटरी तक के अधिकारी भी निगरानी प्रणाली में शामिल होंगे।

वहीं, किसानों की सुविधा के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) भी स्थापित होंगे। यहां किसानों को खेतों में ही पराली का निपटाने करने के लिए आधुनिक उपकरण व मशीनें किराए पर मिल सकेंगी। पंजाब सरकार ने अब तक 7,378 सीएचसी खोले हैं। इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।

हर जिले में नोडल अफसर

इस बार खेतीबाड़ी विभाग पराली के अवशेषों को आग से बचाने के लिए हर गांव में नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा। यह नोडल अधिकारी किसानों को सब्सिडी पर मशीनें देने की व्यवस्था करेंगे। खेतीबाड़ी विभाग नोडल अधिकारियों की लिस्टें बना रहा है। किसानों ने भी पराली प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर मशीनों के लिए आवेदन भी किए हैं।

50 से 80 फीसद तक सब्सिडी

पराली को निपटाने वाली मशीनें व उपकरण खरीदने के लिए सरकार किसानों को 50 से 80 फीसद तक सब्सिडी मुहैया करवाने का फैसला किया है। व्यक्तिगत रूप में किसानों को 50 फीसद, जबकि समितियों, पंचायतों व किसान ग्रुपों को 80 फीसद सब्सिडी मिलेगी।

इधर.... पीएयू भी तैयार

पराली से चलने वाला सीएनजी प्लांट व गैस गीजर

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में एग्रीकल्चर (पीएयू) इंजीनियरिंग विभाग में माहिर डॉ. महेश नारंग ने बताया कि संगरूर में पराली से चलने वाला सीएनजी प्लांट लगाया जा रहा है। इसके अलावा पीएयू ने पराली के उपयोग से चलने वाले विभिन्न उपकरण बनाए हैं। इनमें पराली से चलने वाला गैस गीजर बनाया गया है। इसमें बीस किलो पराली डाल कर सौ लीटर पानी गर्म किया जा सकता है।

गोबर गैस प्लांट में इस्तेमाल

पीएयू ने गोबर गैस प्लांट बनाया है। इसके टैंक में चार क्विंटल गोबर एवं 16 क्विंटल पराली डाल कर तीन माह तक गोबर गैस हासिल की जा सकती है।

मशरूम व हल्दी में मल्चिंग

मशरूम की खेती में पराली का उपयोग हो रहा है। हल्दी की मल्चिंग में भी पराली इस्तेमाल की जा रही है। जैसे-जैसे पराली के उपयोग बढ़ेंगे, किसानों को इसका बेहतर मूल्य मिलना शुरू होगा। इससे किसानों की आय में इजाफा होगा।


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