लुधियाना में आंगनबाड़ी मुलाजिमों का पंजाब सरकार के खिलाफ धरना, एसडीएम को सौंपा मांगपत्र
आंगनबाड़ी मुलाजिमों की मांग समय पर वेतन जारी करने को लेकर है। कभी तीन महीने तो कभी छह-छह महीने उनको वेतन मिलता ही नहीं। वीरवार राज्य भर में आंगनबाड़ी मुलाजिमों ने व्यक्तिगत तौर पर धरने दिए और कुछ मुलाजिम किसानों का समर्थन करते हुए उनके धरने में शामिल हुई।
लुधियाना, जेएनएन। आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन ने वीरवार मिनी सचिवालय के बाहर धरना दे नारेबाजी की और इसके बाद एसडीएम पश्चिमी अमिंदर मल्ली को मांगपत्र दिया। यूनियन की जिला एक्टिव प्रधान आशा रानी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में तीन से छह साल के बच्चों की प्री-प्राइमरी क्लासिस बना प्राइमरी स्कूलों में शिफ्ट किया जा रहा है। इसके लिए तीन से छह साल के बच्चों को आंगनबाड़ी सेंटर्स से लिया जा रहा है।
इसका विरोध करते हुए यूनियन सदस्यों ने कहा कि अगर एेसा होता है तो आंगनबाड़ी सेंटर्स का अस्तित्व खत्म हो जाएगा और वर्कर्स खाली हो जाएंगे। इसके अलावा पिछले साल केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी मुलाजिमों के लिए मान भत्ता जारी किया था जिसमें साठ फीसदी केंद्र और चालीस फीसदी पंजाब सरकार का योगदान था। अब तक केवल केंद्र सरकार की ओर से मान भत्ता जारी किया गया है और पंजाब सरकार का बाकी है।
आंगनबाड़ी मुलाजिमों की तीसरी मांग समय पर वेतन जारी करने को लेकर है। कभी तीन महीने तो कभी छह-छह महीने उनको वेतन मिलता ही नहीं। वीरवार राज्य भर में आंगनबाड़ी मुलाजिमों ने व्यक्तिगत तौर पर धरने दिए और कुछ मुलाजिम किसानों का समर्थन करते हुए उनके धरने में शामिल हुई। यूनियन ने चेतावनी देते कहा कि शीघ्र ही उनकी मांगें न मानी गई तो संघर्ष तेज किया जाएगा। इस दौरान जसबीर काैर, परमिंदर कौर, मंजीत कौर व कमला देवी आदि मौजूद रही।