कोरोना मरीजों की सेवा में एंबुलेंस ड्राइवर राजू
लुधियाना देश में कोरोना वायरस के मामले रुकने का नाम नही ले रहे। पंजाब सरकार द्वारा लोगो को कर्फ्यू में किसी भी प्रकार की ढ़ील ना देकर घरो में सुरक्षित रहने की हिदायत दी गई है। वही देश में कई योद्धा इस वायरस को खत्म करने में जुटे हुए है। संवेदना ट्रस्ट सिविल अस्पताल लुधियाना की एंबुलेंस का चालक प्रेम सिंह राजू भी अपनी सेवाएं कोराना मरीजों को लाने व ले जाने में दे रहा है।
अश्वनी पाहवा, लुधियाना
देश में कोरोना वायरस के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे। पंजाब सरकार द्वारा लोगों को कर्फ्यू में किसी भी प्रकार की ढील न देकर घरों में सुरक्षित रहने की हिदायत दी गई है। वहीं देश में कई योद्धा इस वायरस को खत्म करने में जुटे हुए है। ऐसा ही एक योद्धा लुधियाना सिविल अस्पताल में बनी संवेदना ट्रस्ट की एंबुलेंस का ड्राइवर प्रेम सिंह राजू है। वह इस वायरस की चपेट में आए लोगों की सेवा करने में जुटा हुआ है।
हंबड़ा रोड स्थित गांव राणके के रहने वाले प्रेम सिंह राजू ने बताया कि वह नौ साल से संवेदना ट्रस्ट की एंबुलेंस चला रहा है। वह रोजाना गांव से 30 किलोमीटर मोटरसाइकिल पर सवार होकर ड्यूटी पर पहुंचता है। उसके परिवार में माता-पिता, पत्नी व एक बेटा है। उसके पिता फैक्ट्री में काम करते हैं। माता व पत्नी गृहिणी हैं। उसका बेटा पढ़ाई कर रहा है।
राजू ने बताया कि वह इस वायरस की महामारी के बीच भी हर रोज 12 घंटे काम कर रहा है। उनका काम एंबुलेंस के जरिये कोरोना संदिग्धों को अस्पताल पहुंचाना है। वह हमेशा एंबुलेंस में बैठने से पहले पीपीई किट पहनता है। वहीं ड्यूटी खत्म करते ही अपने आप को अच्छे से सैनिटाइज करता है। उसका परिवार व ग्रामीण उसे निडरता से ड्यूटी करने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करते हैं।
राजू ने बताया कि 12 घंटे की शिफ्ट के लिए वह रोजाना सुबह सात बजे घर से निकलता है और रात नौ बजे घर पहुंचता है। उसका काम संवेदना को कॉल करने वाले मरीजों को अस्पताल में पहुंचाना होता है। मरीज को एंबुलेंस में बिठाते समय वह उसे मास्क और हाथ में पहनने के लिए ग्लब्स देते हैं, ताकि एंबुलेंस संक्रमित न हो सके। वहीं मरीज को एंबुलेंस में बिठाने से पहले और उतारते समय समझाया जाता है कि वह किस तरह से खुद को दूसरों से बचा कर रखें। बता दें कि पिछले दिनों लुधियाना के डीएमसी अस्पताल में दाखिल कोरोना पॉजिटिव कानूनगो के शव को निडरता से प्रेम सिंह राजू ने अपनी एंबुलेंस से ले जाकर संस्कार करवाया था।