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Alzheimer Disease: ज्यादा पाने की चाहत बना रही है अल्जाइमर का मरीज, जानें क्या हैं बचने के उपाय

Alzheimer Disease लगातार तनावग्रस्त रहने से लाेग Alzheimer (भूलने की बीमारी) का मरीज बन जाते है। ऐसा होने पर वह दुकान पर जाने के बाद यह भूल जाता है कि क्या खरीदना है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 12:40 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 12:40 PM (IST)
Alzheimer Disease: ज्यादा पाने की चाहत बना रही है अल्जाइमर का मरीज, जानें क्या हैं बचने के उपाय
Alzheimer Disease: ज्यादा पाने की चाहत बना रही है अल्जाइमर का मरीज, जानें क्या हैं बचने के उपाय

लुधियाना, जेएनएन। Alzheimer Disease: वर्तमान समय में जरूरत से ज्यादा हासिल करने की चाहत व्यक्ति को तनाव से ग्रस्त कर देती है। हमेशा तनावग्रस्त रहने के कारण उसकी यादाश्त कमजोर होने लगती है और वह अकसर भूलने की बीमारी (Alzheimer) का शिकार हो जाता है।

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आज की इस भागदौड़ की दुनिया में इंसान समय और जरूरत से ज्यादा पाना चाहता है। इस कारण वह अलग-अलग रास्तों को अपनाता है। ऐसे में वह लगातार तनावग्रस्त रहने लगता है और एक दिन Alzheimer (भूलने की बीमारी) का मरीज बन जाता है। ऐसा होने पर वह दुकान पर जाने के बाद यह भूल जाता है कि क्या खरीदना है।

भूलने की बीमारी होने पर व्यक्ति की दैनिक दिनचर्या भी प्रभावित होने लगती है। बार-बार चीजों को भूल जाना, किसी का नाम या सामान्य शब्दों को याद करने में मुश्किल होना, एक ही सवाल बार-बार पूछना, कहीं भी जाने के बारे में भूल जाना, ज्यादा चर्चित लोगों को भी पहचानने में मुश्किल होना, किसी भी काम को करने में गड़बड़ी करना, परिवार के लोगों को भी भूल जाना और हर काम को धीरे-धीरे करना इस बीमारी के लक्षण हैं। इसकी चपेट में आने के बाद व्यक्ति खुद ही शर्मिंदगी महसूस करने लगता है और इस वजह से वह घर-परिवार से अलग रहने की कोशिश करता है। उसके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है।

देखभाल करने वाला व्यक्ति हाेता है प्रभावित

अल्जाइमर के संबंध में जागरूक करते हुए फोर्टिस अस्पताल लुधियाना के न्यूरोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट (इंटरनल मेडिसन) डॉ. आलोक जैन बताते हैं कि समय पर पता लगने पर इस बीमारी को आगे बढऩे से रोका जा सकता है, परंतु इससे हो चुके नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती।

अल्जाइमर की बीमारी केवल मरीज को ही प्रभावित नहीं करती, बल्कि उक्त व्यक्ति की देखभाल करने वाला व्यक्ति भी इससे प्रभावित होता है और उसके स्वभाव में भी कई बदलाव आ जाते हैं। परिवार व दोस्तों का समर्थन और स्नेहपूर्वक किया गया व्यवहार अल्जाइमर के मरीज को जल्दी रिकवर करने में मदद करता है। न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर दवाइयों की मदद से अल्जाइमर की चपेट में आए व्यक्ति की मानसिक दशा को और ज्यादा बिगडऩे से रोक सकते हैं। इस कारण ऐसे कोई भी लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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