राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोतने वाले के पक्ष में उतरे अकाली, लुधियाना में प्रदर्शन
राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोतने के बाद लुधियाना में सियासत गर्म हो गई है। बुधवार को लुधियाना डीसी दफ्तर के सामने शिरोमणि अकाली दल ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
जेएनएन, लुधियाना। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोतने के बाद लुधियाना में सियासत गरमा गई है। बुधवार को लुधियाना डीसी दफ्तर के सामने शिरोमणि अकाली दल ने प्रदर्शन किया। अकाली दल के नेता और कार्यकर्ता गुरदीप सिंह गोशा के समर्थन में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों में बिक्रम मजीठिया, शरणजीत ढिल्लों, रंजीत ढिल्लों व कई कार्यकर्ता शामिल रहे।
पूर्व पीएम राजीव गांधी का पुतला फूंका
प्रदर्शन के दाैरान अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का पुतला फूंका और कमिश्नर ऑफिसर के दफ्तर के बाहर जमकर नारेबाजी की।इस दौरान बिक्रमसिंह सिंह मजीठिया ने सीपी के साथ मिलकर बातचीत की। इस दौरान मजीठिया ने सीपी से कहा कि धार्मिक भावनाओं का मामला दर्ज करना गलत है। गोशा के खिलाफ भाई की बिल्डिंग पर नगर निगम की कार्रवाई भी सही नहीं है। इस मामले को लेकर वह हाईकोर्ट जाएंगे।
राजीव गांधी की प्रतिमा पर पोती थी कालिख
बता दें कि मंगलवार को यूथ अकाली दल की कोर कमेटी के सदस्य गुरदीप गोशा और मीतपाल सिंह ने विरोध स्वरूप शहर के सलेम टाबरी में लगी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोत दी थी और साथ ही हाथों पर लाल पेंट लगा दिया।पुलिस ने थाना सलेम टाबरी में गुरदीप गोशा और उसके साथी के खिलाफ मामला दर्ज कर गोशा को गिरफ्तार कर लिया था। वहीं राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोतने के खिलाफ कांग्रेसियों का पारा गरम हो गया था। इस घटना के बाद कांग्रेसियों ने भी शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल के पोस्टर जलाए और उनके पोस्टरों पर काला स्प्रे किया था। कांग्रेसियों ने दोनों यूथ अकाली नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।
गुरदीप गोशा के भाई की बिल्डिंग तोड़ी
पूर्व पीएम राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोतने वाले गुरदीप सिंह गोशा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नगर निगम ने सोसायटी सिनेमा के पीछे स्थित उनके भाई की बिल्डिंग को गिरा दिया है। मौके पर मौजूद निगम अधिकारी का कहना था कि उन्हें नहीं पता किसकी इमारत है, नियमों के खिलाफ होने के कारण कार्रवाई की गई है। दूसरी ओर अकाली नेताओं में इस कार्रवाई के खिलाफ रोष है। बताया जा रहा है कि इस बिल्डिंग को इलीगल घोषित किया गया है और इसका नक्शा भी पास नहीं हुआ है, जिसके कारण यह कार्रवाई हुई है।