वैट के बाद उद्यमियों का अब 250 करोड़ का एसजीएसटी रिफंड अटका
वैट रिफंड की मार झेल रही इंडस्ट्री की परेशानी जीएसटी लागू किए बाद भी कम नहीं हो रही है। पंजाब के उद्यमियों का 250 रुपये एसजीएसटी का रिफंड फंस हुआ है।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। जीएसटी लागू होने के बाद भी लंबे समय से वैट रिफंड की मार झेल रही इंडस्ट्री की परेशानी कम नहीं हुई है। अब इंडस्ट्री को एसजीएसटी (स्टेट गुड्स एवं सर्विस टैक्स) का रिफंड लेने को मशक्कत करनी पड़ रही है। यह रिफंड करीब 250 करोड़ रुपये का है। उद्यमियों के मुताबिक सीजीएसटी (सेंट्रल गुड्स एंव सर्विस टैक्स) तो समय पर आ रहा है, लेकिन सीजीएसटी पास होने के बावजूद इसका रिफंड नहीं मिल पा रहा है।
सीजीएसटी के मिल रहे रिफंड, पंजाब सरकार अभी रोक रही रिफंड
नई टैक्स प्रणाली में भी उद्योगों की भारी रकम विभाग के पास है और इसके लिए उद्यमियों को बैैंक का ब्याज जमा करवाना पड़ रहा है। अभी तक लुधियाना के उद्यमियों के पांच सौ करोड़ के करीब वैट रिफंड अटके पड़े हैैं और लगभग 250 करोड़ एसजीएसटी रिफंड अटक गया है। सीजीएसटी का रिफंड देने के बाद केंद्रीय विभाग प्रदेश के हिस्से के लिए एसजीएसटी के लिए केस रैफर तो कर रहा है, लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद एसजीएसटी रिफंड लेने में दिक्कत हो रही है।
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लुधियाना हैैंड टूल एसोसिएशन के अध्यक्ष एससी रलहन के मुताबिक वैट की भांति प्रदेश सरकार के पास अब एसजीएसटी रुकने लगा है, जो उद्योगों का रकम ब्लाक किए हुए हैै। इस व्यवस्था को बेहतर करने के लिए समय पर रिफंड को सुनिश्चित किया जाना चाहिए, नहीं तो वैट रिफंड की भांति इंडस्ट्री का सीजीएसटी भी लंबे समय के लिए अटक जाएगा। जब से जीएसटी लागू हुआ है, एसजीएसटी का एक भी रिफंड नहीं आया है।
साइकिल इंडस्ट्री की प्रोडक्शन का दो चार प्रतिशत फंसा
फीको प्रधान गुरमीत सिंह कुलार के मुताबिक, साइकिल इंडस्ट्री को एसजीएसटी का अभी तक कोई रिफंड नहीं आया है। लुधियाना का साइकिल उद्योग छह हजार करोड़ का सलाना कारोबार करता है। ऐसे में रॉ मैटीरियल पर 18 प्रतिशत जीएसटी दिया जाता है। फिनिशड गुड्स पर 12 प्रतिशत क्लेम किया जाता है और दो प्रतिशत वैल्यू एडिशन का रहता है। ऐसे में चार प्रतिशत के करीब कुल प्रोडक्शन का रिफंड में फंसा है। ऐसे में इतना पैसे रिफंड में रूकने से इंडस्ट्री को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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रिफंड को भी किया जाए तत्काल ऑनलाइन
जी-13 फोरम के कन्वीनर एवं अर्पण साइकिल के एमडी उमेश कुमार नारंग के मुताबिक सरकार को रिफंड को तत्काल देने का प्रावधान करना चाहिए। केंद्र सरकार की ओर से रिफंड समय पर है, लेकिन प्रदेश के रिफंड यानि एसजीएसटी के लिए दो चार होना पड़ रहा है। सरकार को सारे लेनदेन को ऑनलाइन करना चाहिए। ताकि समय पर सारे काम हो सकें।
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