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एडीसी का दावा कोविड के 60 फीसद बेड खाली, अफवाहों से बचें

फेसबुक लाइव सेशन के दौरान एडीसी विकास संदीप कुमार ने लोगों को अफवाहों से बचने की अपील करते हुए दावा किया कि कोरोना के लिए रिजर्व रखे बेड में से 60 प्रतिशत बेड खाली हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 01:18 AM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 01:18 AM (IST)
एडीसी का दावा कोविड के 60 फीसद बेड खाली, अफवाहों से बचें
एडीसी का दावा कोविड के 60 फीसद बेड खाली, अफवाहों से बचें

जागरण संवाददाता, लुधियाना : फेसबुक लाइव सेशन के दौरान एडीसी विकास संदीप कुमार ने लोगों को अफवाहों से बचने की अपील करते हुए दावा किया कि कोरोना के लिए रिजर्व रखे बेड में से 60 प्रतिशत बेड खाली हैं। मरीज अपनी मर्जी से प्राइवेट या सरकारी अस्पताल में इलाज करवा सकता है। एडीसी ने बताया कि रिसर्च में सामने आया है कि कोरोना पॉजिटिव आने के 48 से 72 घंटे के दौरान अगर इलाज शुरू हो जाए तो नुकसान से बचा जा सकता है। यह देखने में आया है कि कोरोना से होने वाली मौत में अक्सर यह देखा गया है कि लोग अस्पताल पहुंचने में बहुत देर कर देते हैं। इसके चलते डॉक्टर मरीज को बचा नहीं पाते। एडीसी ने कहा कि हम बीमारी के पीक से गुजर रहे है। अगर सभी लोग एहतियात बरतें तो जल्द ही इस पर काबू पाया जा सकता है।

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टेस्ट पॉजिटिव आने पर क्वारंटाइन होने संबधी सवाल का जवाब देते हुए संदीप कुमार ने कहा कि सेंपल देते वक्त ही एक फार्म भरवा लिया जाता है। अगर व्यक्ति को लगता है कि उसके घर में ही एकांतवास करने की सुविधा है तो वह घर पर ही क्वारंटाइन हो सकता है। प्रशासन भी उसको सहयोग करेगा। एडीसी ने बताया कि साधारण कपड़े से बना मास्क भी कारगार है बशर्ते उससे नाक व मुंह ढका हो। टेस्ट संबधी जिज्ञासा पर कहा कि सरकारी सेंटर पर यह निश्शुल्क है जबकि प्राइवेट सेंटर के लिए सरकार ने रेट तय कर रखे है।


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