चाइनीज डोर पर पाबंदी तो लगाई, लेकिन बेचने वालों पर नहीं दिख रही कार्रवाई
चाइनीज डोर को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से की गई मात्र खानापूर्ति के कारण 100 के करीब लोगों को नुकसान झेलना पड़ा है।
जेएनएन, लुधियाना। चाइनीज डोर को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से की गई मात्र खानापूर्ति के कारण 100 के करीब लोगों को नुकसान झेलना पड़ा है। पुलिस कमिश्नर की ओर से शहर और डिप्टी कमिश्नर की ओर से बाकी एरिया में धारा 144 के तहत आदेश तो जारी कर दिए गए मगर इसे सही ढंग से लागू नहीं किया गया। कुछेक लोगों को पकड़कर उन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
बता दें कि लोहड़ी से पहले पुलिस कमिश्नर डॉ. सुखचैन सिंह गिल ने धारा 144 के ड्रैगन डोर बेचने, स्टोर करने और इसका इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगाई थी। फिर भी यह डोर लगातार इस्तेमाल होती रही। पुलिस ने आधा दर्जन ऐसे लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं, जो डोर बेचते हैं, जबकि इसका इस्तेमाल तो पूरे शहर में लोहड़ी तक और इसके बाद भी हो रहा है। मगर किसी भी पुलिस अधिकारी ने इस पर ध्यान नहीं दिया है।
दूसरी तरफ डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने भी जिले में ड्रैगन डोर की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे। मगर फिर भी शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल होता रहा है। इस बार ड्रैगन डोर से 100 के करीब लोग घायल हुए हैं और कइयों को अपने अंग गंवाने पड़े हैं। इस सबके बावजूद पुलिस और जिला सिविल प्रशासन की ओर से कोई भी प्रभावी व सख्त कार्रवाई नहीं की गई है।
आदेश जारी किए, डोर बेचने वालों को भी पकड़ा: सीपी
पुलिस कमिश्नर डॉ. सुखचैन सिंह गिल का कहना है कि हमने लोहड़ी से पहले शहर में ड्रैगन डोर बेचने और इसके इस्तेमाल करने पर रोक लगाते हुए आदेश जारी कर दिए थे। हमने डोर बेचने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करते हुए पकड़ा भी है। इस्तेमाल करने वालों पर कार्रवाई हुई या नहीं, यह अधिकारियों से पता करूंगा।