मधुरता से दिया रोटी का टुकड़े में भी होता है अमृत का स्वाद
जैन स्थानक में गुरु अचल मुनि ने धर्म सभा में शुक्रवार को प्रवचन किए।
जेएनएन, लुधियाना : जैन स्थानक में गुरु अचल मुनि ने धर्म सभा में शुक्रवार को प्रवचन किए। मानव महल की रचना करते हुए उन्होंने फरमाया कि महल का लैंटर डालने के बाद रसोई का नंबर आता है। संस्कृत में रसोई को रसवती कहते हैं। जहां पर रस तैयार होता है उसे रसोई कहते हैं।
मानव महल में माधुर्य (मधुरता) रुपी रसोई हो। अगर हमारी वाणी में मधुरता है तो हमारा जीवन सफल हो जाएगा। गुरु-संत-भगवंत भी आपसे कुछ नहीं लेते अरे सुदामा के चावल, शबरी के बेर, चंदन बाला के उड़द के बाकुले भगवान ने ग्रहण किए थे, क्योंकि माधुर्य के साथ दिया गया रोटी का टुकड़ा भी अमृत का स्वाद देता है। आप खुद ही अपने दुश्मन है। आप खुद ही अपनी तरक्की से जलते हैं, तभी तो तरक्की से बचने के लिए टालमटोल करते हैं। कभी अच्छे काम को कल पर मत टालिए इसमें नुकसान आखिर आप का ही होगा। कल का काम आज और आज का काम अभी कर डालिए। पता नहीं कल क्या होगा।
श्री शीलत मुनि ने फरमाया जब छोटे थे, तब हर बाल भूल जाया करते थे। तब लोग कहते थे याद रखना सीखो। आज बड़े हुए तो हर बात याद रहती है अब लोग कहते हैं भूलना सीखो। दूसरे के दोषों को भूल जाओ और दूसरे के गुणों को याद रखो। आज देश आइटी और ब्यूटी में बहुत है आगे: अनिशय मुनि
धर्म सभा में अनिशय मुनि ने कहा कि आज दो चीजों में हम और हमारा देश बहुत आगे है। आइटी और ब्यूटी। बूढ़े से बूढ़े व्यक्ति को लेटेस्ट से लेटेस्ट फैशन चाहिए। सत्यम् शिवम् सुंदरम् से सत्य और शिव तो गायब हो गया, अब केवल सुंदर बचा है जिसकी लोगों को चिता है। उन्होंने कहा कि मैं आइटी और ब्यूटी के खिलाफ नहीं हूं। मैं तो सिर्फ इतना चाहता हूं कि हमारा देश आईटी और ब्यूटी के साथ अपनी ड्यूटी में भी आगे आए। अखिल मुनि व निखिल मुनि ने अपनी मंगला कृपा से लोगों को निहाल किया।