Move to Jagran APP

पंजाब में कंटेनराें की शार्टेज से इंडस्ट्री पर संकट, 20 दिन की देरी से पहुंच रहा मटीरियल; जानें कारण

पंजाब में खाली कंटेनरों की शार्टेज की समस्या पैदा हो गई है। इसी के चलते एक्सपोर्टरों को मटीरियल भेजने के लिए बीस दिन अतिरिक्त समय ग्राहकों से लेना पड़ रहा है। इस समय एक्सपोर्ट की मांग अधिक होने से लुधियाना में 10 हजार कंटेनरों की हर माह आवश्यकता है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 09:27 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 09:27 AM (IST)
पंजाब में कंटेनराें की शार्टेज से इंडस्ट्री पर संकट, 20 दिन की देरी से पहुंच रहा मटीरियल; जानें कारण
पंजाब में खाली कंटेनरों की शार्टेज की समस्या पैदा हो गई है। (सांकेतिक तस्वीर)

मुनीश शर्मा, लुधियाना। पंजाब की आर्थिक राजधानी लुधियाना में इन दिनों कंटेनरों की शार्टेज ने एक बड़ी समस्या इंडस्ट्री के लिए खड़ी कर दी है। इसमें कई फैक्टर होने के चलते एक्सपोर्टर खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। पंजाब की एक्सपोर्ट के लिए लुधियाना के कंटेनर यार्ड की भूमिका अहम रहती है और हर माह यहां से आम दिनों में 8 हजार के करीब कंटेनर एक्सपोर्ट के लिए जाते हैं। लेकिन पिछले एक साल से स्थिति बदतर होती जा रही है। पहले जहां शिपिंग कंपनियों की ओर से दामों में किए गए इजाफे से कंटेनर बुक करने के लिए इंडस्ट्री परेशान थी। वहीं अब पंजाब में स्क्रैप और वेस्ट पेपर की इंपोर्ट के कम होने से कंटेनरों की शार्टेज बड़ी समस्या बन गया है। यह दोनों कच्चे माल पंजाब में विदेश से इंपोर्ट करवाए जाते हैं और कंटेनरों के दाम अधिक होने से आयातक इनको लेकर खासी रूचि नहीं दिखा रहे।

loksabha election banner

इसके चलते पंजाब में खाली कंटेनरों की शार्टेज की समस्या पैदा हो गई है। इसी के चलते एक्सपोर्टरों को मटीरियल भेजने के लिए बीस दिन अतिरिक्त समय ग्राहकों से लेना पड़ रहा है। इस समय एक्सपोर्ट की मांग अधिक होने से लुधियाना में 10  हजार कंटेनरों की हर माह आवश्यकता है। जबकि 6 हजार कंटेनरों की पूर्ति ही हो पा रही है। ऐसे में ग्राहकों को बचाने के लिए कई कंपनियां पोर्ट से खाली कंटेनर मंगवा रही है, इसके लिए अतिरिक्त चार्ज देकर इनपुट कास्ट भी बढ़ गई है।

-- इंपोर्ट कम होना और दाम बढ़ना शार्टेज की वजह

गेटवे रेल फ्रेट लिमिटेड के टर्मिनल हेड राजीव शर्मा का कहना है कि इस समय कंटेनरों की शार्टेज एक समस्या है। लेकिन इंडस्ट्री को सुविधा प्रदान करने के लिए आनलाइन सहित सभी माध्यमों से उपलब्धता को लेकर पूर्ण जागरूकता की जा रही है। इस समय इंपोर्ट कम होने की वजह से खाली कंटेनर मिलने में दिक्कत हो रही है और ओशियन फ्रेट का इजाफा भी इसका एक कारण बन रहा है। लुधियाना में हर माह आठ हजार कंटेनर आते हैं, लेकिन इन दिनों इनकी संख्या 6 हजार के करीब है। इसको लेकर शीघ्र समस्या के समाधान को लेकर काम किया जा रहा है।

-- इंडस्ट्री को हो रहा नुक्सान

किंग एक्सपोर्ट के एमडी मदन गोयल के मुताबिक कंटेनरों के दाम और उपलब्धता आज पंजाब के उद्योगों के लिए एक बड़ी समस्या बन रहा है। इसके लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए। पंजाब का उद्योग पोर्ट से दूर है और यह इनपुट कास्ट का एक अहम टूल है। यूएसए में आम दिनों में 45 दिनों में डिलिवरी हो जाती थी, जोकि अब 60 दिनों में हो रही है। इसी प्रकार यूरोप मार्केट में तीस दिन की बजाए अब 45 दिन लग रहे हैं। इसके साथ ही दामों की बढ़ोतरी का सिलसिला लगातार जारी है। नाइस एक्सपोर्ट के एमडी संजय गुप्ता के मुताबिक यह दौर एक्सपोर्ट के लिए कठिन है। हाथ में अच्छे आर्डर होने के बावजूद समय से डिलिवरी न हो पाना चुनौती बन रहा है। इसको लेकर सरकार को पंजाब के एक्सपोर्टरों को फ्रेट सबसिडी पर विचार करना चाहिए और कंटेनरों को निर्माण के लिए पालिसी बनानी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.