स्वच्छता सर्वेक्षण: जनता को जोड़ने का दिया निर्देश
जासं, लुधियाना: 2017 में स्वच्छता सर्वेक्षण में मिली असफलता को इस बार निगम दोहराना नहीं चाहता है। इस
जासं, लुधियाना: 2017 में स्वच्छता सर्वेक्षण में मिली असफलता को इस बार निगम दोहराना नहीं चाहता है। इसलिए इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में लोगों को भागीदार बनाने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसके लिए एडिश्नल कमिश्नर ऋषिपाल ने सभी नोडल अफसरों के साथ जोन-ए में बैठक कर निर्देश दिए हैं।
स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छे नतीजे के लिए हर वार्ड में नोडल अफसरों की नियुक्ति हुई है जो सफाई व्यवस्था के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। पिछली बार लोगों के फीड बैक सही से न दिए जाने के कारण निगम सर्वेक्षण में 140वें नंबर पर फिसल गया था। इस बार इसके लिये ऑनलाइन फीडबैक देना है। बैठक में बताया गया कि महानगर से केवल 17252 लोगों ने ही अपना फीडबैक ऑनलाइन दिया है। इससे महानगर में तमाम कोशिशों के बावजूद स्थिति को सुधारा नहीं जा सका है। एडिश्नल कमिश्नर ने सभी अधिकारियों को ऑनलाइन सर्वेक्षण के लिए जागरूक करने के लिए कहा है। शहरी विकास मंत्रालय ने लुधियाना को स्वच्छता सर्वेक्षण को पहले 239 शहरों की सूची में शामिल किया है। केंद्र सरकेार की सर्वेक्षण टीम शहर का अपने स्तर पर आंकलन करेगी।
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4000 अंकों का होगा सर्वेक्षण
इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण के नियमों में भी बदलाव किए गए हैं। शहरियों की फीड बैक व इंडिपेंडेंट सर्वे के नंबरों में 10 फीसद की बढ़ोतरी की गई है। साथ ही इनोवेशन को अलग से जोड़ा गया है। इस बार नेगेटिव मार्किग का भी प्रावधान है। यदि निगम के दावे आकलन कर्ताओं द्वारा गलत पाए जाते हैं तो इस बार नेगेटिव मार्क भी दिए जा सकते हैं। 2018 का स्वच्छता सर्वेक्षण 4000 अंकों का है। इसी से शहरों का मुल्यांकन होगा। इसमें सेवा में प्रगति के लिए पिछले एक साल में क्या हुआ, निगम का इंप्रास्ट्रक्चर क्या है? इसके 35 फीसद अंक होंगे।
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स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के अंक
सेवा स्तर पर प्रगति : 35 फीसद
नागरिकों की प्रतिक्रिया : 35
आब्जर्वेशन : 30