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युवा देश के भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी : स्वामी रघुनाथ

हमेशा जोश और जुनून से सराबोर रहने वाली युवा पीढ़ी ही किसी भी देश की पूजंी होती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 06:52 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 06:52 PM (IST)
युवा देश के भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी : स्वामी रघुनाथ
युवा देश के भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी : स्वामी रघुनाथ

संवाद सहयोगी, कपूरथला : हमेशा जोश और जुनून से सराबोर रहने वाली युवा पीढ़ी ही किसी भी देश के भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी होती है। आज युवाओं के सामने बहुत बड़ा प्रश्न यही है कि करें तो क्या करें। हमारे सामाजिक आर्थिक ढांचे की ऊर्जा स्थिरता मुख्यत: युवा पीढ़ी पर निर्भर है, लेकिन इसे बढ़ता तनाव, बेरोजगारी या फिर आधुनिकता का चलन उसकी उम्मीदों और सपनों को मिटा रही है।

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उक्त बातें समाज सेवक स्वामी रघुनाथ ने करते हुए कहा कि वो युवा धर्म कार्य में शूरवीर पराक्रमी योद्धा होते थे जोकि क्लबों, सिनेमा घरो,पार्टियों,जुआ घरो में जाकर अपना अनमोल यौवन व्यर्थ नहीं करते थे। इसको सेवा परोपकार धर्म कामों में लगाते थे। युवा की परिभाषा करते हुए कहा कि आंखों में उम्मीद के सपने,नई उड़ान भरता हुआ मन, कुछ कर दिखाने का दमखम और दुनिया को अपनी मुट्ठी में करने का साहस रखने वाला युवा कहलाता है।

स्वामी रघुनाथ ने समझाया कि युवा शब्द ही मन में उड़ान और उमंग पैदा करता है। आज के भारत को युवा भारत कहा जाता है क्योंकि हमारे देश में असंभव को संभव में बदलने वाले युवाओं की संख्या सर्वाधिक है।ऐसे में यह प्रश्न महत्वपूर्ण है कि युवा शक्ति वरदान है या चुनौती। महत्वपूर्ण इस लिए भी यदि युवा शक्ति का सही दिशा में उपयोग किया जाए तो इनका जरा सा भी भटकाव राष्ट्र के भविष्य को अनिश्चित कर सकता है। इसलिए उचित मार्गदर्शन से विकास में राष्ट्र बड़ी ताकत बन सकता है। उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा ने नई पीढ़ी को संस्कार और समय किसी की समझ नहीं दी है। यह शिक्षा मूल्यहीनता को बढ़ाने वाली साबित हुई है। अपनी चीजों को कमतर करके देखना और बाहरी समाज अगर हमने इसकी चिता नहीं की,इस दिशा में यदि सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो वो दिन दूर नहीं जब इसी युवा को देश के लिए श्राप बनते देखेंगे।


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