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नार्वे में पगड़ी को मान्यता, कल से लागू होगा कानून

नार्वे में पगड़ी को मान्यता मिल गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 02:30 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 02:30 AM (IST)
नार्वे में पगड़ी को मान्यता, कल से लागू होगा कानून
नार्वे में पगड़ी को मान्यता, कल से लागू होगा कानून

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला

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नार्वे में बसी सिख कौम को पगड़ी की मान्यता दिलाने की लड़ाई में जीत हासिल हुई है। 19 अक्टूबर को नार्वे सरकार की ओर से कानून को पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। नार्वे में पगड़ी के सम्मान की लड़ाई लड़ने वाले एवं सहयोग करने वाले नार्वे सरकार के तीन मंत्रियों को सम्मानित करने के लिए 18 अक्टूबर को ओसलो के गुरुद्वारा साहिब में सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। अब नार्वे में पासपोर्ट, लाइसेंस एवं आइडी प्रूफ आदि बनवाने के लिए सिखों को पगड़ी उतार कर फोटो करवाने की जरुरत नही पड़ेगी बल्कि पगड़ी के साथ फोटो करवा सकेंगे। इस कार्य के लिए सिख कौम को छह साल तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। इस कानून को अस्तित्व में लाने के लिए नार्वे की कानून मंत्री मोनिका मैलूद, सभ्याचारक मंत्री आबिद राजा तथा बाल विकास मंत्री शैल इगोलफ रुपसताद ने भूमिका निभाई गई है।

नार्वे के होटल कारोबार से जुड़े कपूरथला के मुख्तियार सिंह पड्डा ने बताया कि नार्वे में पगड़ी को सम्मान दिलाने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले लोगों व नार्वे सरकार के तीन मंत्रियों के सम्मान के लिए रविवार को ओसलो में सम्मान समारोह का आयोजन हो रहा है।

इस फैसले को एतिहासक बताते हुए सुमीत सिंह पटपटिया ने बताया कि सिख भाईचारा नार्वे की प्रधानमंत्री ऐरना सूलबरग सरकार एवं सहयोगी तारऊद हैलेलानद, ऐनरस बी वरप एवं बिल्ली ताराग का आभारी है जिन्होंने सिख कौम के गौरव एवं पगड़ी के सम्मान को मान्यता दिलाई है। पटपटिया ने बताया कि यूरोप, शनगन व अन्य देशों में दस्तार को लेकर सिख भाईचारे को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यह फैसला उन देशों के लिए भी एक उदाहरण साबित होगा।

मुख्तियार सिंह पड्डा ने बताया कि नार्वे में रह रहे दिल्ली के रहने वाले इंजीनियर सुमीत सिंह पटपटिया, मोगा की प्रभलीन कौर एवं अमरिदरपाल सिंह ने पगड़ी को मान्यता दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। इस संबंध में नार्वे के तीनों मंत्रियों की तरफ से नार्वे के अलावा विभिन्न देशों में दस्तार को लेकर स्टडी की गई। अंत में नार्वे सरकार ने पगड़ी को मान्यता देने के लिए कानून बना दिया। गुरमेल सिंह बैंस, मलकीत सिंह एवं ओसलो गुरुद्वारा के प्रधान परमजीत सिंह ने इस फैसले को सिखों की बड़ी जीत करार बताय है।


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