Move to Jagran APP

छप्पड़ पार्क में तब्दील, सीचेवाल मॉडल से सिंचाई

गांव तलवंडी माधों में एनआरआइ की मदद से विकास कार्य करवाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 01:41 AM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 01:41 AM (IST)
छप्पड़ पार्क में तब्दील, सीचेवाल मॉडल से सिंचाई
छप्पड़ पार्क में तब्दील, सीचेवाल मॉडल से सिंचाई

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला

loksabha election banner

गांव तलवंडी माधों के युवकों व युवा पंचायत की नई सोच ने एनआरआइ की मदद से पूरे गांव की तस्वीर ही बदल कर रख दी है। सीचेवाल मॉडल की तर्ज पर देसी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को विकसित कर 25 एकड़ खेतों की सिचाई की जाने लगी है और बदबू फैलाते छप्पड़ को सुंदर पार्क में तबदील कर दिया गया है। अब शाम को छप्पड़ वाली जगह पर गांव के बुजुर्ग सैर करते हैं और बच्चों को खेलने के लिए खुला मैदान मिल गया है। अभी इस प्रोजेक्ट पर करीब 30 लाख खर्च आ चुका है और करीब 50 लाख से यह प्रोजेक्ट मुकम्मल होगा।

करीब तीन हजार आबादी वाले इस गांव में 12 साल पहले ही 100 प्रतिशत अंडर ग्राउड सीवरेज पड़ गया था लेकिन पूरे गांव का गंदा पानी इस छप्पड़ में जमा होता था और बारिश के दिनों में पानी ओवर फ्लो होकर गलियां में फैल जाती थी। अमरीक सिंह की प्रेरणा से 32 साल के गुरजीत सिंह गांव के सरपंच बने तो पूरा गांव विकास की राह पर चल पड़ा। संत बलबीर सिंह सीचेवाल के सहयोगी रहे अमरीक सिंह बताते है कि उनके गांव में संत सीचेवाल की मदद से 1996 में सीवरेज डाला गया गया था। थोड़ा काम बचा था, वह 2006 में पूरा कर दिया गया। सबसे पहले सीचेवाल मॉडल की तर्ज पर गांव में देसी ढंग से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया जिससे इंजन की मदद से करीब 20 से 25 एकड़ जमीन की सिचाई की जाती है।

अमरीक सिंह ने बताया कि बिजली के कनेक्शन के लिए अप्लाई कर रखा है लेकिन अभी कनेकशन नही मिल है। सिचाई के लिए पानी की ओर डिमांड है लेकिन अब लोग पानी को ज्यादा व्यर्थ नही करते जिससे गंदा पानी काफी कम पड़ रहा है और दो तीन परिवारों के खेतों को ही लग कर खत्म हो जाता है।

अमरीक सिंह ने बताया कि गांव के छप्पड़ की जगह पर पार्क के साथ खेल मैदान बनाया जाएगा। उन्होंने बताया अमेरिका निवासी एनआरआइ मलकीत सिंह बोपाराए की तरफ से गांव के छप्पड़ के लिए 10 लाख रुपये दिए गए थे और अब पार्क के लिए 10 लाख रुपया दिया गया है। 11 कनाल में छप्पड़ बनाया गया है और चार कनाल जमीन पर बस स्टैंड तैयार किया गया है। अमरीक सिंह बताते है कि वह तो वालंटीयर के तौर पर थोड़ी बहुत सेवा निभा रहे है लेकिन गांव का यह पूरा कार्य गांव के युवा सरपंच गुरजीत सिंह व नौजवान पंचायत की देख रेख में हो रहा है।

गांव के सरपंच गुरजीत सिंह का कहना है कि किसी भी काम को शुरू करने के समय अनेक प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, अगर इरादा पक्का हो तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता है। ऐसा ही कुछ गांव तलवंडी माधो के लोगों ने कर दिखाया है। काफी समय से गांव के छप्पड़ का विकास कार्य नहीं हो पाया था, जिससे गांव वासियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था, लेकिन गांव की पंचायत, लोगों व एनआरआइ की मदद से गांव के छप्पड़ की सफाई काम शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया छप्पड़ में जमा हुई गार को बाहर निकालने का काम चीन से लाई गई मशीन द्वरा किया जा रहा है, दूसरी ओर खूह बनाने का काम भी गांव वासियों के सहयोग से किया जा रहा है। इस उपरांत गांव में पार्क व बस स्टैंड बनाने का काम शुरू किया गया था, जोकि समय पर पूरा हो गया है। आने वाले दिनों में गांव तलवंडी माधो एक विकसित गांव के रूप में उभरकर सामने आएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.