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एमएसपी से कम रेट में धान खरीद रहे व्यापारी और शैलर

जिले की नई दाना मंडी में पिछले एक सप्ताह से धान की आमद हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 01:42 AM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 01:42 AM (IST)
एमएसपी से कम रेट में धान खरीद रहे व्यापारी और शैलर
एमएसपी से कम रेट में धान खरीद रहे व्यापारी और शैलर

जागरण संवाददाता, कपूरथला : जिले की नई दाना मंडी में पिछले एक सप्ताह से धान की आमद हो रही है धान की फसल आ रही है। किसानों को एमआरपी के मुताबिक धान का मूल्य नही मिल रहा है। धान की सरकारी खरीद एक अक्टूबर से शुरू होगी। मंडी में व्यापारी तथा शैलर किसानों से मनमाने रेट पर धान की खरीद कर रहे हैं। इससे किसान चिंतत हैं। फत्तूढीगा के दाना मंडी भी धान की आमद हो रही है लेकिन किसान कम रेट पर धान बेचने को मजबूर हैं। फाइन व सुपर फाइन किस्म का धान इस समय 1500 से 1725 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बिक रहा है जबकि धान का सरकार की तरफ से 1888 रुपये एमएसपी घोषित किया हुआ है। एमएमपी तय होने के बावजूद मंडियों में किसान लूट का शिकार बन रहे हैं।

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धान की सरकारी खरीद एक अक्टूबर से शुरू होनी है लेकिन दाना मंडी में रोजाना 25 से 30 हजार क्विंटल धान की आमद हो रही है। इस समय कपूरथला की दाना मंडी में ज्यादातर गोइंदवाल साहिब, फतियाबाद एवं तरनतारन से धान की आमद हो रही है। इन क्षेत्रों में किसान धान की अगेती किस्म की बिजाई करते हैं।

दाना मंडी में फतियाबाद से धान लेकर आए किसान मलकीत सिंह का कहना है कि कपूरथला में धान की खरीद सरकारी खरीद से पहले ही शुरू हो जाती है। इस बार उनकी धान 1585 रुपये प्रति क्विंटल के रेट में बिकी है जबकि सरकार ने 1885 रुपये एमएसपी तय कर रखा है।

उधर, गांव संधर जगीर से दाना मंडी में धान लेकर आए किसान सुरिदर सिंह का कहना है कि खेतों में गाजर और शलगम की बिजाई करेंगे। इसीलिए अगेते धान की बिजाई करते है। उन्होंने बताया कि उन्हें धान का 1690 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से पैसे मिले हैं।

सरकार को किसानों की परवाह नहीं : बलविंदर सिंह

किसान यूनियन के नेता बलविदर सिंह मजादपुर का कहना है कि सरकार कृषि विधेयक पारित कर किसानों की भलाई के झूठे दावे कर रही है। एमएसपी होने के बावजूद किसानों को फसल का सही मूल्य नहीं मिल रहा है।

नमी अधिक होने से परेशानी : ओपी बहल

आढ़तिया एसोसिएशन के प्रधान ओपी बहल ने बताया कि वीरवार से धान की सरकारी खरीद शुरु होगी। उससे पहले व्यापारी और शैलर मालिक किसानों से धान खरीद रहे हैं। उन्होंने बताया कि धान के लिए 18 फीसदी नमी होना चाहिए जबकि इस समय 20 से 22 फीसद नमी आ रही है। इसलिए किसानों को एमएसपी से कम मूल्य मिल रहा है।


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