राणा की पत्नी के सिर भी सज सकता मेयर का ताज
नगर निगम चुनाव के बाद मेयर के चयन की घोषणा नहीं हुई है।
हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला
नगर निगम चुनावों में बंपर जीत के बाद विरासती शहर कपूरथला के पहले मेयर को लेकर बेशक अभी तक कोई घोषणा नहीं हुई है। मगर, यह तय है कि निगम के मेयर का पद उसे नसीब होगा, जिस पर राणा गुरजीत सिंह की मेहर रहेगी। हालाकि नतीजों के बाद कई नामों की अटकले लगती रही हैं। मगर, राणा गुरजीत सिंह ने इस बारे में अपने पत्ते नहीं खोले थे। हालांकि अब इस बारे में अधिसूचना जारी होने के बाद मेयर का नाम बेहद चौकाने वाला हो सकता है। राणा गुरजीत सिंह की पत्नी एवं पूर्व विधायक राजबंस कौर राणा के सिर पर भी मेयर का ताज सज सकता है। इस बारे में शहर में खूब चर्चा छिड़ी हुई है, ताकि कांग्रेस में मेयर को लेकर किसी भी किस्म की गुटबाजी को जड़ से खत्म किया जा सके।
बता दें कि नगर निगम चुनावों में कांग्रेस ने 50 में से 45 सीटों पर शानदार जीत हासिल की है। इनमें मात्र 5-6 पार्षद ही ऐसे हैं जो दूसरी बार चुनाव जीत कर आए है। ऐसे में क्षेत्रीय विधायक राणा गुरजीत सिंह के लिए मेयर को लेकर कोई ज्यादा माथा पच्ची करने की जरूरत नहीं रहेगी। वह जिसे चाहेंगे उसके सिर पर मेयर का ताज सजा देगे।
वहीं मेयर का पद आरक्षित न हो ने से यह लगभग तय है कि मेयर जनरल वर्ग से ही होगा। हालांकि अभी तक किसी भी पार्षद का मुखर तौर पर नाम सामने नहीं आया है। ऐसी परिस्थितियों का राणा गुरजीत सिंह भी फायदा उठाने के पक्ष में हैं। बता दें कि राजबंस कौर राणा को पार्षद बनाने के लिए कई पार्षद त्यागपत्र देने की पेशकश भी कर चुके हैं, ताकि राणा गुरजीत सिंह के प्रति वे अपने आप को वफादार साबित कर सकें। हालांकि इस बारे में राणा गुरजीत सिंह कुछ नहीं बोल रहे हैं। मगर, उनकी मुस्कराहट से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह सियासी खेल की तैयारी में जुटे हैं।
इससे पहले मेयर के तौर पर वार्ड 34 से जीत कर आए पार्षद नरिदर मन्सू का नाम सबसे आगे था। मगर, मेयर पद आरक्षित न होने से वह इस दौड़ से बाहर हो गए हैं। हालाकि डिप्टी मेयर के पद पर मन्सू का दावा सबसे मजबूत माना जा सकता है। वह दूसरी बार चुनाव जीत कर आए हैं और राणा गुरजीत सिंह के भरोसेमंद लोगों में शुमार होते हैं। मन्सू के डिप्टी मेयर बनने से वह विकास कार्यो की निगरानी भी कर सकेंगे और कांग्रेस के नेटवर्क को भी मजबूत बनाने का कार्य करेंगे। एक महिला पार्षद को भी डिप्टी मेयर बनाया जा सकता है, ताकि वह राजबंस कौर राणा के साथ काम में हाथ बटा सके।
उधर, दूसरी बार चुनाव जीतने वाले मनीष अग्रवाल का भी शुरू में नाम उक्त दौड़ में चर्चा में आया था। वह इस बार वार्ड 8 से निर्विरोध दूसरी बार पार्षद चुने गए हैं। जनरल वर्ग से संबंध रखने वाले मनीष अग्रवाल भी राणा गुरजीत सिंह के विश्वास पात्रों में गिने जाते हैं। उनके पिता स्वर्गीय महिदर अग्रवाल लंबे समय तक कौंसिल की प्रधानगी करते रहे हैं। मगर, मेयर के पद को लेकर उन्होंने कभी कोई उत्सुकता नहीं दिखाई थी।
इसके अलावा पहली बार पार्षद बनीं वीना सलवान भी संभावितों में शुमार था। मगर, उन्होंने पहला चुनाव होने के कारण कभी जोरशोर से दावेदारी जताने की कोशिश नही की।
इनके अलावा वार्ड 6 से डा. राजीव धीर की पत्नी ज्योति धीर और वार्ड 20 से विजय हुए संदीप सिंह भी मेयर बनने की काबलियत रखते हैं। मगर, इनमें से भी किसी ने भी दावेदारी नहीं जताई बल्कि सभी की नजर राणा गुरजीत सिंह पर है कि वह जिसे ठीक समझें, मेयर बना सकते हैं। ऐसे में राणा गुरजीत सिंह अपने घर का मेयर बना कर दोहरा सियासी फायदा ले सकते हैं। वह अपनी मनमर्जी मुताबिक शहर के विकास करवाने को आजाद रहेंगे।