उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थानों की संयुक्त उपयोगिता ही विकास का आधार
प्रदेश के तकनीकी शिक्षण संस्थानों के कुलपति की वार्ता आयोजित की गई।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : संयुक्त प्रयास ही अब संयुक्त विकास का आधार है। प्रदेश की तकनीकी शिक्षा के सभी शिक्षण संस्थानों को अब इसे मूलमंत्र मान कर आगे बढ़ने का समय है। संसाधनों का सांझाकरण इसमें सबसे पहली कड़ी है। एकल प्रयास एवं एकल तौर पर हर तरह के संसाधन जुटा पाना किसी के लिए भी संभव नहीं है। इस लिए अब आह्वान का समय है कि एकजुट होकर प्रदेश में शिक्षा को शिखर पर ले चलें। यह निष्कर्ष रहा पंजाब के तकनीकी शिक्षण संस्थानों के कुलपतियों एवं निर्देशकों की मंगलवार को हुई शिखर वार्ता का।
नई शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न पहलुओं पर वार्ता एवं पंजाब की उच्च शिक्षा के संदर्भ में ई-प्लेटफॉर्म के जरिये हुई इस शिखर वार्ता में पंजाब से सैंकड़ों शिक्षाविद जुड़े। अमृतसर ग्रुप आफ कालेजेस को इसकी जिम्मेदारी मिली तथा उन्होंने सफलतापूर्वक निभाया। शिखर वार्ता में प्रो आरपी तिवारी, कुलपति, केंद्रीय विश्वविद्यालय पंजाब बठिडा ने जोर दिया कि पंजाब में उच्च तकनीकी शिक्षा का कंसोर्टियम होना जरूरी है। उन्होंने उल्लेख किया कि हम सभी को मौलिक सिद्धांतों का पालन करके शिक्षा को सभी छात्रों तक पहुंचा होगा। इसमें सभी की सहभागिता जरूरी है।
डा. वीके बंगा, आइके गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के बोर्ड सदस्य एवं प्रिसिपल एजीसी ने सभी प्रतिष्ठित शिक्षाविदों का स्वागत किया और कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) राष्ट्र-निर्माण के संदर्भ में एक मील का पत्थर दस्तावेज है। उन्होंने इसके वर्गीकृत भागों को संबोधन किया। प्रो.(डा.) बूटा सिंह सिद्धू, वाइस-चांसलर, महाराजा रणजीत सिंह तकनीकी यूनिवर्सिटी बठिडा ने कहा कि यह एक व्यापक नीति है जो प्रत्येक व्यक्ति की रचनात्मक क्षमता के विकास पर जोर देती है। उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा के आंकड़ों और महत्व पर प्रकाश डाला, जिससे छात्रों की प्रतिभा को निखारने व आगे बढ़ाने और समाज को लाभ पहुंचाने के लिए मदद मिलती हैं।
एनआइटी जालंधर के निदेशक प्रो. ललित के. अवस्थी ने भी एनइपी 2020 के बारे में बात की और कालेज शिक्षा एवं शिक्षक से शिक्षा और बेहतर कैसे बनवाई जाए, पर बल दिया। उन्होंने इसके लिए प्रेक्टिकल सुझाव भी रखे। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण है। एनआइटीटीटीआर चंडीगढ़ के निदेशक प्रो. श्याम सुंदर पटनाइक ने कहा कि एनईपी एक यथार्थवादी कार्यान्वयन मार्ग के लिए दर्शन है। उन्होंने कहा कि इस नीति के माधयम से शिक्षक को एक अलग मेंटरिग की जिम्मेदारी दी गयी है। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक को ज्ञान की ऊर्जा और विविधता को बढ़ाना होगा जो छात्र को सही दिशा दे सके।
पीटीयू के पूर्व कुलपति डॉ. रजनीश अरोड़ा, मैनेजिग डायरेक्टर, एजीसी ने कहा कि यह नीति दक्षता से पूर्ण है एवं पंजाब के संदर्भ में बेहतर है, क्योंकि पंजाब के पास रिसोर्सेस की कमी नहीं है। उन्होंने अंत में सभी प्रतिभागी और प्रख्यात प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। एडवोकेट अमित शर्मा (अध्यक्ष सीईओ, एजीसी, अमृतसर) और रागिनी शर्मा, निदेशक वित्त ने इस तरह के बड़े आयोजन के पूरे प्रयास की सराहना की। उ