खुद की परवाह किए बिना कर रही मरीजों की देखभाल
सिविल अस्पताल में स्टाप नर्स कोरोना मरीजों की देखभाल में जुटी हैं।
नरेश कद, कपूरथला
सिविल अस्पताल कपूरथला में कोरोना मरीजों की देखभाल में जुटी स्टाफ नर्स अपने कर्तव्य का बखूबी निर्वाह कर रही है। ड्यूटी के दौरान वह खुद कोरोना संक्रमित हुई लेकिन हौसला व आत्मविश्वास से सिर्फ 17 दिनों में कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर दोबारा अस्पताल में ड्यूटी पर लौट गई।
जालंधर की रहने वाली स्टाफ नर्स नीति का कहना है कि तीन महीने तक लगातार कोरोना मरीजों की देखभाल करती रही। इस दौरान वह खुद भी संक्रमित हो गई थी। 27 मार्च 2021 को उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। इसके बाद सिविल अस्पताल में ही बने क्वार्टर में खुद को क्वारंटाइन कर लिया। डाक्टरों की सलाह के अनुसार उन्होंने विटामिन सी, पैरासिटामोल व अन्य दवाइयों का सेवन किया। नियमित तौर पर स्टीम लेकर व योग से कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गई। उन्होंने आत्मविश्वास व हौसले से कोरोना को हराया। क्वारंटाइन रहने के दौरान परिवार को पूरी तरह मिस किया। 17 दिन बाद दोबारा टेस्ट करवाने पर रिपोर्ट नेगेटिव आई। इसके बाद उन्होंने तुरंत डयूटी ज्वाइन की।
कोरोना को हल्के में न लें, हिदायतों का करें पालन
स्टाफ नर्स नीति ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह कोरोना महामारी को हल्के में ना लें। रिपोर्ट पाजिटिव आने पर वह आपने आप को परिवार से दूर रख कर कोरोना की लड़ाई लड़ें और सेहत विभाग की हिदायतों का पालन करें। शारीरिक दूरी का ध्यान रखें तथा मास्क जरूर पहनें। नीति ने कहा कि डाक्टर व नर्स जान जोखिम में डाल कर कोरोना मरीजों का उपचार करते हैं। सेहत विभाग की हिदायतों का पालन करें। कोरोना से बचाव के लिए टीका अवश्य लगाएं।
परिवार से दूरी बनाकर कोरोना के खिलाफ लड़ रही जंग
सिविल अस्पताल में एएनएम नर्स मोठावाल निवासी आशविदर कौर ने कोरोना महामारी के दौरान सिविल अस्पताल में छह महीने तक कोरोना मरीजों की देखभाल की। उन्होंने कोरोना काल में वह अपने परिवार से दूरी बनाकर अपने परिवार को इस संकट से बचाकर रखा। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना के लक्षण महसूस होने पर टेस्ट करवाएं। डाक्टरों की ओर से दी गई दवाइयों का सेवन करें। खुद को 15 दिन तक क्वांरटाइन करके रखें। परिवार के सभी सदस्यों का टेस्ट जरूर करवाएं।