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कोरोनो के खतरे को कम करेगा पोस्ट कोविड कोच

कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए रेल कोच फैक्ट्री ने पोस्ट कोविड कोच का निर्माण किया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 01:57 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 01:57 AM (IST)
कोरोनो के खतरे को कम करेगा पोस्ट कोविड कोच
कोरोनो के खतरे को कम करेगा पोस्ट कोविड कोच

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला

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कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में पोस्ट कोविड कोच तैयार किया गया है। वायरस के खतरे को रोकने के लिए कोच में लेवेटरी डोर, कंपार्टमेंट डोर, फ्लश वॉल्व पर पैरों से चलने वाली व्यवस्थाओं का प्रबंध किया गया है। इसके अलावा कोच को बाहर से खोलने के लिए एसी के कंपार्टमेंट डिब्बों में विशेष व्यवस्था की गई है जिससे कोविड के खतरे को कम किया जा सकता है।

पोस्ट कोविड के कोच में यात्रियों की सुविधा के लिए डिजाइन में कई बदलाव गए हैं। इस कोच में यात्रियों की सुविधा के लिए हैंडफ्री सुविधाओं को शामिल किया गया है जिसमें शौचालय के अंदर वॉश बेसिन पर पैर संचालित पानी के नल और साबुन के डिस्पेंसर शामिल हैं। रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में चार पोस्ट कोविड कोच तैयार किया गया है जिसे मंगलवार को रवाना किया गया है।

कोरोना वायरस के खतरे से लड़ने के लिए भारतीय रेलवे में पहली बार पोस्ट कोविड कोच का निर्माण किया गया है। मंगलवार को दो एसी और दो नॉन एसी स्लीपर कोचों को आरसीएफ के महाप्रबंधक रवींद्र गुप्ता द्वारा अन्य अधिकारियों और स्टाफ की मौजूदगी में उत्तर पश्चिम रेलवे के लिए रवाना किया गया।

कोच में लगाए गए कॉपर कोटेड हैंडल व कुंडी

आरसीएफ के जीएम रविंदर गुप्ता ने बताया कि इन कोचों में कॉपर कोटेड हैंडल, चिटकनी और कुंडी लगाए गए हैं। कॉपर में एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं और इसलिए यह कुछ ही घंटों में इस पर लगे वायरस को खत्म कर देता है। इसके अलावा प्लाज्मा एयर उपकरणों का प्रावधान एसी कोचों के एसी डक्ट में किया गया है। यह एसी कोच के अंदर की हवा और सतहों को आयनित हवा का उपयोग करके साफ करता है जो कोचों को कोविड -19 से बचाव करता है तथा उसे वायरस से प्रतिरोधी बनाता है।

इन पोस्ट कोविड कोचों के अंदर टाइटेनियम डाइऑक्साइड की नैनो कोटिग की गई है जो पर्यावरण के अनुकूल जल आधारित कोटिग है जो वायरस, बैक्टीरिया, मोल्ड और फंगल विकास को समाप्त करती है और अधिक महत्वपूर्ण रूप से इनडोर वायु की गुणवत्ता को बढ़ाती है। टाइटेनियम डाइऑक्साइड एक सुरक्षित पदार्थ माना जाता है। यह कोटिग वॉशबेसिन, लैवेटरी, सीट और बर्थ, स्नैक टेबल, ग्लास विडो, फ्लोर और हर सतह पर लगाई जाती है जो मानव संपर्क में आती है।

कोच में कई स्थानों पर कोविड से बचावों को दर्शाते स्टिकर लगाए गए हैं ताकि यात्रियों को वायरस के खिलाफ सावधानी बरतने के लिए लगातार याद दिलाया जा सके। कोच यात्रियों में बिना खौफ के रेल यात्रा करने का आत्म विश्वास पैदा करेगा।


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