हमीरा फैक्ट्री के महिला कर्मियों से पुलिस की धक्का-मुक्की
हमीरा की जगतजीत इंडस्ट्री के वर्करों के प्रदर्शन ने सोमवार को पुलिस की ज्यादती के बाद विवाद का रूप अख्तियार कर लिया।
जागरण संवाददाता, सुभानपुर (कपूरथला) : मांगें मनवाने के लिए डेढ़ माह से दिन-रात पक्का मोर्चा लगाकर प्रदर्शन कर रहे हमीरा की जगतजीत इंडस्ट्री के कर्मचारियों के प्रदर्शन ने सोमवार को पुलिस की ज्यादती के विवाद का रूप अख्तियार कर लिया। जगतजीत इंडस्ट्रीज डेमोक्रेटिक वर्कर्स यूनियन की ओर से कर्मचारियों के मसलों को हल करवाने के लिए सोमवार से संघर्ष को तेज करने की घोषणा की गई थी। प्रदर्शनकारियों ने फैक्ट्री मालिकों व प्रशासन के खिलाफ महिलाओं के साथ प्रदर्शन शुरू किया। मौके पर तैनात पुलिस कर्मियों ने प्रदर्शन को खत्म करवाने की कोशिश की जिससे अमृतसर-जालंधर जीटी रोड पर पुलिस व प्रदर्शनकारियों में जमकर धक्का-मुक्की हुई। नेशनल हाईवे जाम करके बैठे प्रदर्शनकारियों में शामिल महिलाओं को महिला पुलिस कर्मियों की ओर से जबरन उठाने की कोशिश की तो मामला भड़क गया।
महिला पुलिस कर्मियों ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को हाईवे पर ही घसीटना शुरू कर दिया। इससे हाईवे पर ही खूब हंगामा शुरू हो गया। हंगामा उस समय और बढ़ गया जब प्रदर्शनकारी अपनी मांगों के समर्थन में फैक्ट्री गेट की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस फोर्स के साथ मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें आगे जाने से रोकना शुरू कर दिया। गुस्से में आए प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे के बीच धरना लगाकर चक्का जाम कर दिय। खबर लिखे जाने तक प्रदर्शनकारी जाम लगाकर प्रदर्शन कर रहे थे।
प्रदर्शन के दौरान उपस्थित यूनियन के नेताओं ने कहा कि जिला प्रशासन फैक्ट्री मालिकों का साथ दे रहा है। कर्मचारियों की जायज मांगों को हल करवाने, वर्करों से धक्केशाही करने वाले और बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर का अपमान करने के लिए जिम्मेदार फैक्ट्री के जनरल मैनेजर व अन्य खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर कर्मचारियों को न्याय दिलाने की बजाय प्रशासन फैक्ट्री मालिकों का पक्ष ले रहा है।
आरोप लगाया कि जिला प्रशासन फैक्ट्री मालिकों व सियासी रसूख रखने वालों की शाबाशी हासिल करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के इशारे पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के साथ धक्का-मुक्की की है। यहां तक कि महिलाओं को भी नहीं बख्शा। उन्हें सरेआम हाईवे पर बाल पकड़कर घसीटा गया। उन्होंने चेतावनी दी कि वह अपने हक की लड़ाई के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। यदि प्रशासन ने वर्करों के साथ धक्केशाही किया तो इससे गंभीर परिणाम निकलेंगे और इसके लिए प्रशासन ही जिम्मेदार होगा। इस मौके पर इंडियन फेडरेशन आफ ट्रेड यूनियन के प्रांतीय प्रधान कुलविदर सिंह वड़ैच, जगतजीत इंडस्ट्रीज डेमोक्रेटिक वकर्स यूनियन के कश्मीर सिंह घुग्गशोर, गुरप्रीत सिंह चीदा, सतीश कुमार, शिरोमणि रंघरेटा दल के प्रधान बलवीर सिंह चीमा, दशमेश, फौज तरना दल निहंग सिंह जत्थेबंदियों के भाई परमजीत सिंह खडूर साहिब, अमरीक सिंह, दशमेश फौज रंघरेटा दल के चेयरमैन भाई गुरदयाल सिंह, दलित नेता अमनदीप सिंह भट्टी दयाललपुर मौजूद थे।
मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा संघर्ष
यूनियन नेताओं ने घोषणा की कि महंगाई के अनुसार वेतन और बोनस में बढ़ोतरी करने, कई सालों से काम करते वर्करों को उचित पदोन्नति देने, ठेकेदारी व्यवस्था बंद करके सभी कर्मचारियों को रेगुलर करने और नई भर्ती करना उनकी प्रमुख मांगें है। फैक्ट्री प्रबंधक कर्मचारियों के मांगों के प्रति गंभीर नहीं है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मांगों के स्थायी समाधान तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
जीटी रोड पर जाम लगने से वाहन चालकों को हुई परेशानी
उधर प्रदर्शनकारियों के इस धरने की वजह से जीटी रोड की एक तरफ का यातायात पूरी तरह बाधित रहा। पुलिस की ओर से एक तरफ के रोड को वन वे बना कर यातायात को सुचारू बनाए रखने की कोशिश की लेकिन ट्रैफिक ज्यादा होने की वजह से लोगों का घंटों जाम में फंसना पड़ा। कई वाहन चालकों ने गांवों से घूम कर अपनी मंजिल की तरफ रवाना हुए।