फसलों की सीधी अदायगी के फैसले का विरोध
नई दाना मंडी सुल्तानपुर लोधी के आढ़तियों ने बैठक की।
संवाद सूत्र, सुल्तानपुर लोधी : नई दाना मंडी सुल्तानपुर लोधी के आढ़तियों ने भारतीय खाद्य निगम की ओर से फसलों की सीधी अदायगी को लेकर व फर्द के आधार पर फसल की खरीद के फैसले को गलत बताते हुए सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। सुल्तानपुर लोधी की मंडी के विभिन्न आढ़तियों ने बताया कि पंजाब में अपनी खुद की जमीन पर खेती नहीं करने वाले किसानों को भी टैक्स देना पड़ेगा। आढ़तियों ने बताया कि केंद्र सरकार के नए फैसले में कहा गया है कि यदि किसानो को अपनी फसल बेचनी है तो उसको अपनी जमीन की जम्माबंदी आनलाइन पोर्टल पर चढ़ानी पड़ेगी जिसके हिसाब से फसल खरीदी जाएगी और उसका सीधा भुगतान किसानो के खाते में किया जाएगा। भारतीय खाद्य निगम द्वारा पिछले सप्ताह पंजाब के खाद्य व सिविल सप्लाई विभाग को भेजे गए एक पत्र में आने वाली गेहूं की फसल की कटाई के सीजन में किसानों के जमीनी रिकार्ड की जांच लाजमी करने के लिए राज्य सरकार को चितित कर दिया है. भारतीय खाद्य निगम ने पंजाब सरकार को स्पष्ट तौर पर कह दिया है के 2021 में गेहूं की खरीद तभी की जाएगी जब किसान अपनी जमीन के कागजात मुहैया करवाएंगे।
दाना मंडी सुल्तानपुर लोधी के वरिष्ठ अकाउंटेंट संतोष सिंह व अमरजीत सिंह ने कहा कि किसानों को अपनी फसल की अदायगी लेने की छूट दी हुई है तो फिर उस पर सीधी अदायगी क्यों थोपी जा रही है। जमाबंदी व फर्द गिरदावरी से खरीद करने के फैसले से छोटा किसान तबाह होकर रह जाएगा। उन्होंने कहा के जब तक केंद्र सरकार नए खेती कानून वापस नहीं लेती और राज्य सरकार आढ़तियों का बकाया नहीं देती, आढ़तियों का मंडियों को बंद करने का फैसला सही है।
अमरजीत सिंह ने कहा की केंद्र सरकार आढ़तियों और किसानों के रिश्ते में दरार डाल कर उनमें मतभेद पैदा कर रही है। केंद्र सरकार पूंजीपतियों को हर प्रकार से फायदा पहुंचाने में लगी हुई है।
अमरजीत सिंह ने पंजाब के खाद्य व सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशू के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जिसमें उन्होंने विश्वास दिलाया है कि केंद्र के किसानी कानून कैसे भी हो मगर पंजाब सरकार गेहूं का दाना-दाना खरीदेगी।