सड़क बीच आया सांड कार से टकराया, एक की मौत, छह घायल
थाना कोतवाली चौकी बादशाहपुर में पडते गांव भीला के नजदीक वीरवार की देर रात साढे 12 बजे के करीब आईटवंटी पीबी 09एल 5775 कार अवारा सांड को बचाते हुए पलट गई। जिससे गाडी में सवार दो परिवारों के 7 सदस्य बुरी तरह घायल हो गए। राहगीरों की सहायता से सभी घायलों को गाडी के दरवाजे तोडकर बाहर निकाला गया और 10
संवाद सहयोगी, कपूरथला : थाना कोतवाली की चौकी बादशाहपुर क्षेत्र के अंतर्गत गांव भीला के नजदीक वीरवार रात करीब साढ़े 12 बजे सुभानपुर की ओर से आ रही कार से लावारिस सांड टकरा गया, जिससे कार 6 बार पलट और कार में सावर एक महिला की मौत हो गई, जबकि छह घायल हो गए। राहगीरों ने घायलों को कार का गेट तोड़कर बाहर निकाला और एबूलेंस से घायलों को जालंधर के निजी अस्पताल में दाखिल भर्ती करवाया। इन घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जबकि मृतक महिला के शव को कपूरथला के सिविल अस्पताल के शवगृह में रखवाया गया है।
चौकी बादशाहपुर के एएसआइ पाल सिंह ने सुखविन्द्र उर्फ सोनू के ब्यानों पर 174 की कार्यवाई करते हुए महिला का पोस्टमार्टम करवा कर शव को वारिसों के हवाले कर दिया। जालंधर के निजी अस्पताल में दाखिल सुखविन्द्र आहूजा पुत्र कृष्ण लाल निवासी लाहोरी गेट ने बताया कि वीरवार करीब रात 9 बजे वह अपनी पत्नी कुस्म आहूजा, अपने दोनों बेटियां 4 वर्षीय कुलजीत आहूजा, 6 वर्षीय वलीना आहूजा व दिल्ली से आए हुए उसके जीजा पहूजा व बहन आशीमा पहूजा व उसका बेटा हरशदीप को साथ लेकर नडाला के धार्मिक स्थल पर माथा टेकने के लिए गए। रात करीब 12 बजे वह धार्मिक स्थल से वापस आ रहे थे। जब वह करीब साढ़े 12 बजे के गांव भीला के नजदीक पहुंचे तो सड़क के बीचो बीच लावारिस सांड आ गया जिसको बचाने के लिए कोशिश की तो कार का संतुलन खोने से वह पलट गई। इससे कार में सवार सभी परिवारिक सदस्य बुरी तरह घायल हो गए। पास से गुजर रहे राहगीरों की सहायता से गेट तोड़ बाहर निकाला गया और एबूलेस की सहायता से जालंधर के पटेल अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां पर उसकी बहन आशिमा की मौत हो गई। घायल सोनू अहूजा ने बताया कि दिल्ली से मेरी बहन आशिमा जीजा सुनील व उसका बेटा अरशदीप शादी में शामिल होने के लिए आए हुए थे और शादी के बाद शुक्रवार की सुबह अपने घर वापस दिल्ली रवाना होना था, लेकिन धार्मिक स्थल पर माथा टेकने पर वापसी पर हादसे का शिकार हो गए और जिसमें मेरी बहन की मृत्यु हो गई। इस पूरे मामले को लेकर चौकी बादशाहपुर की पुलिस ने 174 की कार्रवाई की।
दुर्घटन के 40 मिनट बाद पहुंची एबुलेंस
108 एबुलेंस को राहगीरों ने तुरंत दुघर्टना की सूचना दी, लेकिन लगभग 40 मिनट बाद एबुलेंस पहुंची। दुर्घटना के 40 मिनट तक घायल तड़पते रहे। यदि 108 एबुलेंस समय पर पहुंच जाती तो हो सकता था कि घायल सोनू की बहन आशिमा की जान बच सकती थी, लेकिन एबुलेंस चालकों की लापरवाही के कारण इस तरह पहले भी कई हादसों में कई लोग मौत का शिकार हो गए, लेकिन इसके बाद भी पंजाब सरकार की ओर से इनके खिलाफ बनती कोई भी कार्रवाई नही की जा रही है। यदि कोई हादसा होता है तो मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में लेकर जाने के लिए साफ तौर पर मना कर दिया जाता है। चाहे मरीज सड़क के बीच पडा मौत की घडि़यां गिन रहा हो।
नहीं पकड़े जा रहे लावारिस पशु
चार दिन पहले कपूरथला के डीसी दविन्द्रपाल सिंह खरबंदा ने सड़कों पर घूम रहे लावारिस पशुओं को पकड़ने के लिए नगर कौसिल के ईओ कूलभूष्ण गोयल और पशु पालन विभाग के प्रदीप गोयल को दिशा निर्देश दिए थे। यदि डीसी के आदेशों की पालना करते हुए सड़कों पर घूम रहे लावारिस पशुओं को पकड़ कर गऊशाला में पहुंचाया होता तो हादसा टल सकता था।