माघ के पहले दिन मौके निर्मल कुटिया सीचेवाल से नगर कीर्तन सजाया
श्री गुरु गोबिद सिंह जी के प्रकाश पर्व को समर्पित वीरवार को माघ के पहले दिन निर्मल कुटिया सीचेवाल से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी और पांच प्यारों की अगुआई में नगर कीर्तन सजाया गया।
संवाद सहयोगी, सुल्तानपुर लोधी : श्री गुरु गोबिद सिंह जी के प्रकाश पर्व को समर्पित वीरवार को माघ के पहले दिन निर्मल कुटिया सीचेवाल से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी और पांच प्यारों की अगुआई में नगर कीर्तन सजाया गया। इस से पहले निर्मल कुटिया में धार्मिक दीवान सजाया गया। जिसमें वातावरण प्रेमी संत सीचेवाल जी के अलावा अलग-अलग कीर्तनी और रागी जत्थों ने इलाही कीर्तन करके संगत को निहाल किया।
नगर कीर्तन के दौरान वातावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने जहां संगत को माघ के पहले दिन के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में बताया, वहीं अपील की कि खेती को लाभपरक बनाने के लिए गुरु साहिब की तरफ से दिए कुदरती खेती के फसलफे पर अमल करने की जरूरत है। उन्होंने दिल्ली में हकों की खातिर संघर्ष कर रहे किसानों के बारे में कहा कि आज देशभर के किसान फसलों का कम से-कम समर्थन मूल्य लेने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और इसी इंतजार में ही कई पीढ़ीयां बीत गई हैं कि कब हमारी खेती और इससे उपजे पदार्थों की लाभपरक कीमत मिल सके। आज के लोगों ने गुरु साहिबानें की तरफ से धरती, हवा और पानी प्रति अपनी बनती जिम्मेदारी को भुला दिया है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक बादशाह ने करतारपुर साहिब में खेती की और लोगों को कुदरती काम करने का उपदेश दिया जिसको अपनाना समय की मुख्य जरूरत बन गई है।
इस दौरान संगत की तरफ से लंगर लगा, फूलों की वर्षा कर नगर कीर्तन का स्वागत किया गया। यह नगर कीर्तन निर्मल कुटिया सीचेवाल से चल कर चक्क चेला, निहालूवाल, मुरीदवाल, कासूपुर, रूपेवाल, अड्डा रूपेवाल, महमूवाल, मालूपुर से गांव सीचेवाल से होता हुआ निर्मल कुटिया में समाप्त हुआ। नगर कीर्तन में संत गुरमेज सिंह जी सैदराना साहिब, संत प्रकट नाथ जी रहीमपुर वाले विशेष तौर पर शामिल हुए। भाई तजिंदर सिंह और संत अवतार सिंह यादगारी महाविद्यालय के बच्चों ने गुरबानी कीर्तन से निहाल किया। सीचेवाल गतका अखाड़ा की तरफ से सिख विरासती खेल गतका के जौहर दिखाए। चक्क चेला के प्रगतिशील किसान तेगा सिंह की तरफ से नौजवानों के सहयोग के साथ रस का लंगर लगाया गया।