कोई भी डॉ. आंबेडकर नहीं बन सकता : पैंथर
दुनिया अंदर कोई भी ऐसा इन्सान नही है व शायद भविश्य में न हो जो बाबा साहिब डाक्टर बी आर अंबेडकर बन सके। बाबा साहिब को पूरी दुनिया में ¨सबल आफ नालेज के रुप में जाना जाता है। इन शब्दों का प्रगटाव बाबा साहिब बी आर अंबेडकर सोसायटी रजि रेल कोच फैक्टरी कपूरथला की ओर से सोसायटी के प्रधान कृष्ण लाल जसल व महा सचिव धर्मपाल पैथर ने मी¨टग दौरान अपने संबोधित में कहे। जसल व पैंथर ने कहा कि हरियाणा के मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्ड की ओर से सतिकारयोग प्रधानमंत्री नरिन्द्र मोदी को 21वीं सदी का अंबेडकर बताने पर दिए गए ब्यानों की कडे शब्दों में ¨नदा की।
जागरण संवाददाता, कपूरथला: दुनिया में कोई भी ऐसा इंसान नहीं है। शायद भविष्य में भी न हो जो बाबा साहिब डॉक्टर बीआर आंबेडकर बन सके। बाबा साहिब को पूरी दुनिया में ¨सबल ऑफ नालेज के रुप में जाना जाता है। यह बात बीआर आंबेडकर सोसायटी रजि. रेल कोच फैक्टरी कपूरथला की ओर से सोसायटी के प्रधान कृष्ण लाल जस्सल व महासचिव धर्मपाल पैंथर ने मी¨टग के दौरान कही।
जस्सल व पैंथर ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 21वीं सदी का आंबेडकर बताने पर दिए गए ब्यानों की कडे़ शब्दों में ¨नदा करते हुए कहा कि डॉ. आंबेडकर जन्म से लेकर मौत तक जगह-जगह पर अपमानित होने के बावजूद भी देश में हजारों सालों से प्रचलित जातपात, छुआछूत व गैरबराबरी को खत्म करके हर धर्म, जाती के वर्ग के लोगों को बराबर का मौका देने में लगे रहे। आधुनिक भारत के निर्माता थे आंबेडकर
बाबा साहिब की बदौलत भारतीय संविधान दुनिया के संविधानों से सर्वोत्तम माना जाता है। आंबेडकर आधुनिक भारत के निर्माता थे। उन्होंने देश में लोकतांत्रिक व्यस्था की नींव रखी। सरकार की ओर से 10 प्रतिशत सर्वण जातियों को आर्थिक आधार पर पास हुए बिल की कड़ी अलोचना करते हुए कहा कि यह भारती संविधान की मूल भावना के साथ खिलवाड़ है। संविधान के अनुसार आरक्षण उनको ही दिया जाता है, जो लोग शिक्षा से कमजोर, समाजिक तौर पर भेदभाव का शिकार व आर्थिक तौर पर पीछे है। एससी- एसटी को नहीं मिल रही सुविधाएं
सीनियर उपप्रधान संतोख राम जनागल, निरवैर ¨सह आंबेडकरी, उप प्रधान निर्मल ¨सह संधूरा, करनैल ¨सह, प्रमोद ¨सह, विजय कुमार आदि ने कहा कि सरकार पांच एकड़ का मालिक व आठ लाख कमाने वाले को आर्थिक आधार पर कमजोर समझ रही है। जबकि एससी, एसटी के ढाई लाख कमाने वालों के बच्चों को सरकार की ओर से मिल रही सहूलियतों से वंचित किया हुआ है। ओबीसी समाज को 6 लाख वार्षिक कमाने वाले को करीमी लेयर में रखा गया है। यह अन्य पूर्ण व पक्षपाती रवैये समाज में और अराजकता फैलाएगा। बेशक यह बिल पास हो गया है पर सरकार को वोट बैंक की राजनीति से उपर उठ कर संविधानिक ढंग से फिर से विचार व संविधान की मूल भावना के साथ फैसला करना चाहिए।