डेयरी उद्यम विकास योजना का मकसद रोजगार पैदा करना
--नाबार्ड की वर्कशाप में जिला विकास मैनेजर राकेश वर्मा ने किया संबोधित फोटो-11
जागरण संवाददाता, कपूरथला: राष्ट्रीय खेती व पेंडू विकास बैंक (नाबार्ड) ने कहा है कि डेयरी उद्यम विकास योजना का उद्देश्य साफ सुथरे दूध का उत्पादन, बुनियादी ढांचे का विकास और रोजगार पैदा करना है। बुधवार को जिला विकास मैनेजर राकेश वर्मा की अध्यक्षता में योजना के तहत नाबार्ड बैंक अधिकारियों, पशु पालन व डेयरी विभाग की एक दिवसीय वर्कशाप करवाई गई। राकेश वर्मा ने बताया कि इस योजना के तहत डेयरी उद्यमी पशु पेालकों को 25 से 33 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है। नाबार्ड ने 2019-20 के लिए पंजाब प्रदेश के लिए इस योजना के तहत 10.60 करोड़ रुपये का बजट रखा है। राकेश वर्मा ने बताया कि यह सब्सिडी लाभार्थियों को पहले आओ व पहले पाओ के आधार पर मिलेगी। वे सीधे तौर पर इसके लिए बैंकों से संपर्क कर सकते है। बैंक अधिकारियों को जागरूक करते हुए राकेश शर्मा ने बताया कि योजना के तहत सारे मामले अब-नाबार्ड के पोर्टल से सब्सिडी के लिए भेजें। डेयरी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बलविदर सिंह ने अच्छे पशुओं की बेहतर देखभाल व चारे के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। डॉ. विनय कुमार शर्मा और माहिर पशु पालन विभाग डॉ. लखविदर सिंह ने डेयरी के लिए बुनियादी ढांचे की उपलब्धता और पशुओं के चारे की तकनीक के बारे में अवगत करवाया। जिला लीड मैनेजर डीएल भल्ला ने सभी बैंको से अपील की कि वे पशु पालकों को इस योजना के बारे में जागरूक करें। डायरेक्टर आर सटी ने कहा कि लाभार्थी इस काम को सही ढंग से चलाने के लिए उनसे सिखलाई ले सकते हैं। वर्कशाप में परमजीत सिंह, जोगा सिंह अटवाल के अलावा अन्य विशेष तौर पर शामिल थे।