भगवान की भक्ति के लिए है मनुष्य जीवन : दीप चैतन्य
संवाद सहयोगी फगवाड़ा श्री स्वामी शंकरनाथ पर्वत मठ (पाठशाला) हदियाबाद फगवाड़ा के पीठाध्
संवाद सहयोगी, फगवाड़ा : श्री स्वामी शंकरनाथ पर्वत मठ (पाठशाला) हदियाबाद फगवाड़ा के पीठाधीश्वर रहे ब्राह्मालीन परम पूजनीय गुरुदेव परमादर्श आचार्य महामंडलेश्वर अनंत श्री स्वामी गंगानंद पर्वत जी महाराज के बाद श्री स्वामी शंकर नाथ पर्वत मठ के गद्दी नशीन घोषित किए गए ब्राह्माचारी दीप चैतन्य जी महाराज ने सोमवार को स्थानीय प्राचीन शिव मंदिर (पक्का बाग) स्टार्च मिल फगवाड़ा में जाकर भगवान शिव शंकर की पूजा अर्चना कर माथा टेका।
शिव मंदिर में आयोजित संकीर्तन में प्रवचन करते हुए ब्राह्माचारी दीप चेतन्य जी महाराज ने कहा कि भगवान की निष्काम भक्ति करना ही मनुष्य का परम धर्म है। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन भगवान की भक्ति और सेवा के लिए प्राप्त हुआ है। इसलिए मानव शरीर को पाकर भगवान की भक्ति और सेवा में सदा तत्पर रहना चाहिए। दीप चैतन्य जी महाराज ने कहा कि मन बहुत चंचल होता है, इसको नियंत्रित करना सबसे कठिन कार्य है। मानव अपनी आवश्यकताओं के कारण हमेशा विचलित रहता है। मन को काबू में रखने के लिए सुबह जल्दी उठकर भगवान का नमन करना चाहिए। जहां भी भगवान का सत्संग होता हो, वहां अवश्य जाना चाहिए। सत्संग मानव के जीवन को सार्थक बनाता है, मानव मन पर संसार रूपी जमा मैल सत्संग से ही साफ किया जा सकता है। ब्राह्माचारी दीप चैतन्य जी महाराज ने कहा कि जिस प्रकार पेट के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, उसी तरह आत्मा के लिए सत्संग की आवश्यकता है। इस अवसर पर श्री स्वामी शंकरनाथ पर्वत चेरीटेबल एंड वेल्फेयर ट्रस्ट के महासचिव राकेश दुग्गल व कैशियर समाज सेवक मदन गोपाल दुग्गल, एडवोकेट लोकेश नारंग, प्रो. जयदेव दुग्गल, विनोद दुग्गल, प्रदीप शर्मा, आशु शर्मा, बृज भूषण जलोटा, समाज सेवक इंद्रजीत कालड़ा, राज कुमार जलोटा, मधु भूषण कालिया, डा. पीके ओहरी, मुकेश बग्गा, रणबीर दुग्गल, लक्ष्मी कांत, विनोद जलोटा, संजीव चावला भी उपस्थित थे।