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ट्रेनाें की बढ़ेगी स्‍पीड व डिब्‍बों की संख्‍या, कपूरथला रेल फैक्‍टरी बना रहा कम वजन के खास कोच

अब देश में ट्रेनों की स्‍पीड बढ़ेगी और इसके साथ ही ट्रेनों में कोचों की संख्‍या भी बढ़ेगी। यह संभव किया है कपूरथला रेल कोच फैक्‍टरी ने। फैक्‍टरी में कम वजन के डिब्‍बे बन रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 09:44 AM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 09:59 AM (IST)
ट्रेनाें की बढ़ेगी स्‍पीड व डिब्‍बों की संख्‍या, कपूरथला रेल फैक्‍टरी बना रहा कम वजन के खास कोच
ट्रेनाें की बढ़ेगी स्‍पीड व डिब्‍बों की संख्‍या, कपूरथला रेल फैक्‍टरी बना रहा कम वजन के खास कोच

कपूरथला, [हरनेक सिंह जैनपुरी]। अब देश में सभी ट्रेनों की स्‍पीड बढ़ेगी और इनमें अधिक यात्री सफर कर सकेंगे। ट्रेनाें में कोचों की संख्‍या भी बढ़ेगी। ऐसा संभव होगा कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) के खास कदम से। आरसीएफ अब कम वजन वाले खास एलएचबी डिब्बों का निर्माण करने जा रहा है। दुनिया में चल रहे रेल डिब्बों में एलएचबी किस्म के डिब्बे सब से हल्के माने जाते हैं और इनमें अब ओर डेढ़ टन की कटौती की जाएगी।

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आरसीएफ द्वारा कम वजन वाले बनाए जा रहे इन एलएचबी कोचों से न सिर्फ इन डिब्बों की लागत कमी आएगी व बल्कि इनको खींचने की क्षमता में भ्‍री वृद्धि होगी। इससे हल्के डिब्बे रेक में लगने से ट्रेनों में कोचों की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी। इसके अलावा डिब्बों कें डिजायन में भी सुधार होगा तथा इनकी इंटीरियर लुक की खूबसूरती में भी बढ़ोतरी होगी। भारतीय रेल गाड़ियों की गति बढ़ाने के लक्ष्य की प्राप्ति भी संभव होगी। 

इन डिब्बों को खींचने में आसानी से बढ़ेगी ट्रेनाें की स्‍पीड, कोचों की संख्या बढ़ने से अधिक यात्री कर सकेंगे यात्रा

आम तौर पर विभिन्न एलएचबी डिब्बों का वज़न 46 टन के करीब होता है। अब इनका वज़न ओर कम करने के लिए कोच की शैल, फर्निशिंग और इलेक्ट्रिकल फिटिंग्स में कई डिजाइनों में सुधार किए जा रहे हैं। इन डिजाइन सुधारों से एसी फर्स्ट क्लास, एसी 2 टियर, एसी 3 टियर, स्लीपर डिब्बे और जनरल डिब्बों में तक़रीबन सात क्विंटल से 1.5 टन वज़न की कटौती होगी।

आरसीएफ के महाप्रबंधक रवींद्र गुप्ता ने बताया कि कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री के लिए जुलाई माह काफी उपलब्धियों भरा रहा। इसमें आरसीएफ ने 151 एलएचबी डिब्बों का रिकार्ड निर्माण किया। डिब्बों का उत्पादन बढ़ाने के लिए बेहद कम लागत वाली जिग्ग का आरसीएफ में ही निर्माण किया। इससे प्रतिदिन 7 से 8 डिब्बों का निर्माण संभव हो सकेगा। निर्माण क्षमता को बढ़ाने के लिए जहां अनेक नीतिगत परिवर्तन किए जा रहे हैं, वही रेल डिब्बों के विकास में भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसी तहत रेल कोच फैक्ट्री द्वारा कम वजन वाले एलएचबी डिब्बों के निर्माण के लिए डिजाइन तैयार किए जाने लगे हैं।

उन्‍होंने बताया कि एयर कंडिशन्ड एलएचबी डिब्बों की सीट और बर्थ में व्यापक बदलाव किए जाएंगे। इससे एसी फर्स्ट (AC first), एसी 2 टियर (AC Second) और एसी 3 टियर (AC third) में क्रमश: 3 क्विंटल, 6 क्विंटल और 6.7 क्विंटल वज़न की कमी होगी। इसके अलावा इन डिब्बों के ऐसी पैकेज यूनिट के मैटीरीयल में बदलाव लाकर 3 क्विंटल वज़न कम किया जाएगा।

स्लीपर और जनरल डिब्बों में पार्टीशन फ्रेम की जगह हलके हनी कॉम्ब पार्टीशन फ्रेम लगाने का प्रावधान है जिससे इन डिब्बों के वज़न में भारी कमी आएगी। इसके अलावा विभिन प्रकार के डिब्बों में बायो टैंक, ट्रांसफार्मर, स्विच बोर्ड कैबनेट इत्यादि उपकरणों के जरिए वज़न में कटौती की जाएगी।

आरसीएफ के महाप्रबंधक रवीद्र गुप्ता का कहना है कि आरसीएफ ने इस वर्ष से उच्च क्षमता वाली पार्सल वैन का निर्माण व्यापक स्तर पर प्रारंभ किया है। ये डिब्बे सभी लंबी दूरी की गाड़ियों में लगाए जा रहे हैं जिससे सामान की आपूर्ति में तेज़ी संभव होगी। स्टेनलेस स्टील से बने इन डिब्बों की सामान वहन क्षमता 24 टन है। इन डिब्बों के लगेज रैक, पैनल और फ्लोरिंग आदि के सामान में तब्‍दीली लाकर लगभग 1.5 टन वज़न कम किया जाएगा इस कटौती से इन पार्सल वैनो की सामान वहन क्षमता ओर बढ़ेगी।


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