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नहीं मिला इंसाफ तो सोशल मीडिया पर डाली वीडियो

चिट फंड के नाम पर डेढ़ करोड़ की ठगी का शिकार हुई एनआरआएई महिला ने लगभग ढाई साल से अदालत द्वारा भगोड़े घोषित किए जाने के बावजूद आरोपियों की गिरफतारी ना होने पर जिले के एसएसपी आईजी जालंधर जोनल डीजीपी पंजाब एवं कैप्टन सरकार की कारगुजारी पर उंगली उठाते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया है। इस वीडियों में कपूरथला निवासी एनआरआई महिला सुष्मा आनंद ने कहा है कि उसे ना थानों से इंसाफ मिला है। ना एसएसपी ना किसी मंत्री ना डीजीपी और ना ही कोर्ट से उसे इंसाफ मिल सका है। महिला का कहना है कि पुलिस उसे झूठे दिलासे दे रही है कि उसने आरोपियों को गिरफतार कर लिया है जबकि असलीयत यह है कि पुलिस एक आरोपी तक पहुंच गई थी लेकिन उसे गिरफतार कर पूछताछ के नाम पर छोड़ दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 06:21 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 06:21 PM (IST)
नहीं मिला इंसाफ तो सोशल मीडिया पर डाली वीडियो
नहीं मिला इंसाफ तो सोशल मीडिया पर डाली वीडियो

संवाद सहयोगी, कपूरथला : चिट फंड के नाम पर डेढ़ करोड़ की ठगी का शिकार हुई एनआरआएई महिला ने लगभग ढाई साल से अदालत द्वारा भगोड़े घोषित किए जाने के बावजूद आरोपितों की गिरफतारी न होने पर जिले के एसएसपी, आईजी जालंधर जोनल, डीजीपी पंजाब एवं कैप्टन सरकार की कारगुजारी पर उंगली उठाते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया है। इस वीडियों में कपूरथला निवासी एनआरआई महिला सुष्मा आनंद ने कहा है कि उसे न थानों से इंसाफ मिला है। न एसएसपी, किसी मंत्री, डीजीपी और न ही कोर्ट ने उसे इंसाफ दिया है। महिला का कहना है कि पुलिस उसे झूठे दिलासे दे रही है कि आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि असलीयत यह है कि पुलिस एक आरोपित तक पहुंच गई थी लेकिन उसे छोड़ दिया गया है। सुष्मा आनंद ने वीडियों में कहा है कि वह संत्री से लेकर मुख्य मंत्री और एसएचओ से लेकर डीजीपी तक अनेक बार मिल चुकी है। लेकिन उसे किसी से इंसाफ नही मिला है। दो जून 2017 को एसएसपी दफतर के बाहर धरना भी लगाया था। फिर भी इंसाफ नहीं मिला। अब सुषमा आनंद बेहद परेशान हो चुकी है। जिसने अब सोशल मीडिया पर अपनी दास्ता ब्या करते हुए एक वीडियो वायरल किया है, जिसे लोग केंद्र व पंजाब सरकार की घटिया कारगुजारी बता रहे है। स्थानीय मोहल्ला खजांचियां निवासी 70 वर्षीय एनआरआई महिला सुषमा आनंद पत्नी नरेश कुमार आनंद ने इससे पूर्व दो जून 2017 को एसएसपी दफतर के बाहर धरना भी लगाया था और उस वकत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उनसे धरना समाप्त करने का आग्रह करते हुए आरोपितो की गिरफतारी के लिए 10 दिन का समय मांगा था लेकिन किसी भी आरोपी की गिरफतारी ना होने की वजह से उसे हाईकोर्ट की शरण में जाने को मजबूर होना पड़ा था। हालाकि अदालत ने करीब ढ़ाई तीन साल पहले आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर दिया था। इसके बावजूद पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नही कर सकी थी। मामले में पंजाब व हरियाणा उच्च न्यालय ने पंजाब सरकार, पंजाब पुलिस के डीजीपी, आईजी जोनल एवं एसएसपी कपूरथला समेत एसपी (डी) एवं एसपी हैडक्वाटर को नोटिस जारी करते हुए अदालत में जवाब देने के आदेश दे रखे है, लेकिन पुलिस अभी तक आरोपितोंको पकड़ने में नाकाम रही है। सुष्मा आनंद ने जिला पुलिस पर यह भी आरोप लगाए है कि पुलिस एक आरोपित तक पहुंच गई थी लेकिन उसे पूछताछ के नाम पर छोड़ दिया गया है। तत्कालीन डीजीपी पर भी किया है केस

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उल्लेखनीय है कि सुष्मा आनंद ने अदालत की तरफ से भगोड़ा घोषित किए जाने के बावजूद आरोपियों को गिरफतार ना किए जाने के मामले को लेकर हाईकोर्ट में पंजाब पुलिस के तत्कालीन डीजीपी खिलाफ अवमानना का केस भी दायर कर रखा है। इस मामले में आईजी अर्पित व एसएसपी कपूरथला को भी पार्टी बनाया गया था। इंसाफ के लिए तीन साल से इंतजार में 70 वर्षीय एनआरआई सुषमा आनंद का कहना है कि उसे इंसाफ दिलाने की बजाए पुलिस ने हर पड़ाव पर उसे प्रताड़ित ही किया।


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